विरियाटो फर्नांडीस, हुसैन दलवाई (फोटो-सोशल मीडिया)
New Delhi News: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से सियासत गरमा गई है। राहुल गांधी द्वारा चीन पर दिए गए पर सुप्रीम कोर्ट के जज दीपंकर दत्ता ने कहा था कि सच्चे देशभक्त ऐसा नहीं करते हैं। अब कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी की तरफ से मोर्चा संभाल लिया है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि मैं सीजेआई से आग्रह करूंगा कि दीपंकर दत्ता को तलब करें, उन्हें संविधान पढ़ने की दोबारा जरूरत है। वहीं गोवा सासंद विरियाटो ने कहा कि यह न्यायपालिका अधिकार क्षेत्र है ही नहीं।
इससे पहले प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि न्यायाधीश अथवा न्यायपालिका यह तय नहीं कर सकते कि कौन सच्चा भारतीय है। राहुल के बचाव करते हुए प्रियंका ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के कारण राहुल गांधी का यह कर्तव्य है कि वह सरकार से सवाल पूछें।
कांग्रेस सांसद विरियाटो फर्नांडीस ने आईएएनएस से कहा, “मैं एक सैन्य पृष्ठभूमि से आता हूं, भारतीय नौसेना में सेवा दे चुका हूं और अब दक्षिण गोवा का प्रतिनिधित्व करता हूं। सुप्रीम कोर्ट के प्रति पूरे सम्मान के साथ, मैं कहना चाहता हूं कि सेना सीमा पर 24 घंटे, सातों दिन निगरानी के लिए सैटेलाइट इमेजिंग का इस्तेमाल करती है। मेरा मानना है कि मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीशों को सेना से जानकारी मांगनी चाहिए थी कि राहुल गांधी का बयान सही है या नहीं। अगर विपक्ष के नेता कोई बयान दे रहे हैं, तो इसे एक जिम्मेदाराना बयान माना जाना चाहिए। ऐसी टिप्पणी करने से पहले सीमा की वास्तविक स्थिति सभी को पता होनी चाहिए थी।”
वहीं, कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने आईएएनएस से कहा, “न्यायालय ने राहुल गांधी को लेकर जो टिप्पणी की है, वह पूरी तरह अनुचित है। यह उनका क्षेत्राधिकार नहीं है। संसद, न्यायपालिका और चुनाव आयोग, ये सभी स्वतंत्र संस्थाएं हैं। मैं सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करता हूं, लेकिन न्यायाधीश को संविधान की सीमाओं में रहकर बोलना चाहिए। वह कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं कर सकते।”
ये भी पढें-TMC की अंदरूनी कलह जारी, कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा की जुबानी जंग तेज
दलवई ने कहा, “जब वे मुंबई हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस थे, तब भी उन्होंने सावरकर को लेकर राहुल गांधी के बयान पर टिप्पणी की थी। सवाल ये है कि क्या वे संविधान के तहत काम कर रहे हैं या फिर किसी खास विचारधारा, जैसे आरएसएस की सोच से प्रभावित हैं? यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मैं माननीय सीजेआई से आग्रह करता हूं कि उन्हें तलब करें। उन्हें संविधान दोबारा पढ़ने की जरूरत है।”-एजेंसी इनपुट के साथ