कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (सोर्स:-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: देश में इन दिनों छात्र आत्महत्या की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। जिसके लिए कांग्रेस ने छात्र आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि से जुड़ी एक रिपोर्ट को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी सरकार के गलत कदमों और मित्रों को प्राथमिकता देने से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो गया है।
कांग्रेस जिस रिपोर्ट का दावा कर रही उस रिपोर्ट की बात करें तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के आधार पर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में छात्र आत्महत्या की घटनाएं चिंताजनक वार्षिक दर से बढ़ी हैं जो जनसंख्या वृद्धि दर और समग्र आत्महत्या प्रवृत्तियों से भी अधिक है।
बात अगर एनसीआरबी रिपोर्ट की करें तो जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां आत्महत्या की घटनाओं की संख्या में प्रतिवर्ष दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं छात्र आत्महत्या के मामलों में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है, जबकि छात्र आत्महत्या के मामलों की “कम रिपोर्टिंग” होने की संभावना है।
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एनसीआरबी के द्वारा जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भाजपा शासन में छात्र आत्महत्याओं के मामलों में चिंताजनक वृद्धि भयावह और अक्रोशित करने वाली है। भारत लंबे समय से अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए उत्सुक है, जहां एक युवा, प्रतिभाशाली और कड़ी मेहनत करने वाली आबादी की सामूहिक ऊर्जा भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था के स्तर तक पहुंचाएगी।
इसके साथ ही कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दावा किया कि सरकार के गलत कदमों, रणनीतिक दृष्टि की कमी और मित्रों के लिए प्राथमिकता ने युवा पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के सुनहरे अवसर को नष्ट कर दिया है।
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कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार विनाशकारी शिक्षा नीति के तहत आलोचनात्मक सोच को मार रही है और भारत की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली को आरएसएस के विचारकों को सौंप रही है, जिसका मतलब है कि छात्र उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां हासिल करने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में असमर्थ हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि मौजूदा गंभीर स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अपनी नीतियों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।