जेपी नड्डा (सोर्स- वीडियो)
JP Nadda on Jhiram Ghati Attack: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया है। उन्होंने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर कांग्रेस पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। नड्डा ने दावा किया कि इस हमले में कांग्रेस के ही कुछ लोग शामिल थे और उन्होंने ही अपने नेताओं की जानकारी नक्सलियों को दी थी।
जांजगीर चांपा में आयोजित एक जनसभा के दौरान उन्होंने कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो जनता का क्या होगा। यह बयान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित ‘जनादेश परब’ में आया।
जेपी नड्डा ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रभारी रहते हुए उन्होंने झीरम घाटी की घटना को करीब से देखा था। उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ कहा कि कांग्रेस के लोगों ने ही अपनों को मरवाने के लिए नक्सलियों से संपर्क किया था। उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को राज्य से नक्सलवाद खत्म करने का श्रेय भी दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता का जिक्र करते हुए आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में राज्य में 503 से अधिक नक्सलवादी मारे गए हैं। सिर्फ इसी साल 284 माओवादी ढेर हुए हैं, जिनमें से 255 बस्तर क्षेत्र के थे। वहीं पिछले साल यह आंकड़ा 219 था। इसके अलावा, पिछले दो सालों में करीब 2500 नक्सलियों ने सरेंडर किया है और 1853 को गिरफ्तार किया गया है।
जब मैं छत्तीसगढ़ का प्रभारी था, मैंने झीरम घाटी की घटना देखी है। उस समय रक्षक ही भक्षक बन गए थे। कांग्रेस की सरकार इनसे (नक्सली) दोस्ती करती थी, समझौता करती थी। लेकिन जब यहां मोदी जी के नेतृत्व में विष्णु देव साय की सरकार बनी, तो दो साल के अंदर हमने नक्सलवाद पर शिकंजा कस दिया।… pic.twitter.com/ct8Lp3lJLm — BJP (@BJP4India) December 22, 2025
नड्डा ने दावा किया कि हिडमा और बसवराजु जैसे खूंखार टॉप नक्सलियों का खात्मा किया गया है। यह राज्य में सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है। नड्डा ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार के आने के बाद से नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है और बस्तर जैसे इलाकों में शांति बहाली की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
झीरम घाटी का हमला भारतीय राजनीति के सबसे काले अध्यायों में से एक है। 25 मई 2013 को बस्तर जिले में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन रैली के दौरान नेताओं के काफिले पर भीषण हमला कर दिया था। इस हमले में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला समेत 32 लोग मारे गए थे।
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यह हमला तब हुआ था जब कांग्रेस के नेता विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए दौरे पर थे। हालांकि, इस जानलेवा हमले में विधायक कवासी लखमा बाल-बाल बच गए थे। इसके बाद उन पर कई तरह की साजिश की अटकलें लगाई गई थीं, लेकिन जांच में एनआईए को विधायक के खिलाफ कोई भी साजिश का सबूत नहीं मिला था।
जेपी नड्डा के इस ताजा बयान ने एक बार फिर उस दर्दनाक हादसे की यादें ताजा कर दी हैं और सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। नड्डा के इस बयान पर अभी तक कांग्रेस की तरफ से कोई तीखी प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह मुद्दा नया सियासी संग्राम खड़ा करने वाला है।