राहुल गांधी पर पोस्ट के खिलाफ कर्नाटक भाजपा आईटी पर मुकदमा
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर आरोप लगाया कि ये संगठन दलित-बहुजन इतिहास मिटाना चाहते हैं। राहुल गांधी का यह बयान तब आया है जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म ‘फुले’ से जाति से जुड़े कुछ दृश्य हटाने का निर्देश दिया है। यह विवाद तब सामने आया जब सीबीएफसी ने फुले के निर्माताओं को फिल्म रिलीज करने से पहले कुछ दृश्यों को हटाने का निर्देश दिया, जिसमें जातिवाद से जुड़े शब्द शामिल थे। फिल्म आज ज्योतिराव फुले की जयंती के अवसर पर रिलीज होने वाली थी।
राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, भाजपा-आरएस नेता एक तरफ फुले को दिखावटी श्रद्धांजलि देते हैं और दूसरी तरफ उनके जीवन पर बनी फिल्म को सेंसर कर रहे हैं। महात्मा (ज्योतिराव) फुले और सावित्रीबाई फुले ने जातिवाद के खिलाफ लड़ाई में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, लेकिन सरकार उस संघर्ष और ऐतिहासिक तथ्यों को पर्दे पर नहीं आने देना चाहती। उन्होंने आगे कहा, भाजपा-आरएसएस हर कदम पर दलित-बहुओं के इतिहास को मिटाना चाहती है, ताकि जातिगत भेदभाव और अन्य की असली सच्चाई सामने न आए।
BJP-RSS के नेता एक तरफ फुले जी को दिखावटी नमन करते हैं, और दूसरी तरफ उनके जीवन पर बनी फिल्म को सेंसर कर रहे!
महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले जी ने जातिवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा जीवन समर्पित कर दिया, मगर सरकार उस संघर्ष और उसके ऐतिहासिक तथ्यों को पर्दे पर नहीं आने देना चाहती।…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 11, 2025
महाराष्ट्र के पुणे में CBFC के खिलाफ प्रर्दशन
इस बीच, महाराष्ट्र के पुणे में वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने सीबीएफसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अगर फिल्म से ये दृश्य हटा दिए गए तो फिल्म का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा। फिल्म ‘फुले’ का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया है, जिसमें प्रतीक बब्बर ने ज्योतिराव फुले और पत्रलेखा ने सावित्रीबाई फुले का किरदार निभाया है। कहानी जातिवाद और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ उनके संघर्ष को उजागर करती है।
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सरकार की रोजगार प्रोत्साहन योजना को भी जुमला बताया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की रोजगार लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) योजना को एक और जुमला करार दिया। राहुल ने एक पोस्ट में कहा, ईएलआई योजना की घोषणा हुए करीब एक साल हो गया है, लेकिन सरकार ने इसे परिभाषित तक नहीं किया है और इसके लिए आवंटित 10,000 करोड़ रुपये लौटा दिए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी बेरोजगारी को लेकर कितने गंभीर हैं।