नितिन गडकरी, पवन खेड़ा (फोटो- नवभारत डिजाइन)
Congress on Nitin Gadkari: कांग्रेस के निशाने पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आ गए हैं। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पेट्रोल में इथेनॉल का मामला उठाया। खेड़ा ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल को कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि पिता पॉलिसी बनाएं और बेटे पैसे कमाएं। उनका इशारा नितिन गडकरी के दोनों बेटों की इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों की तरफ था।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की पॉलिसी से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दोनों बेटों को फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि निखिल गडकरी और सारंग गडकरी नितिन गडकरी के बेटे हैं। निखिल गडकरी सियान एग्रो कंपनी प्रमुख इथेनॉल की सप्लायर कंपनी है। इसके सारंग की मानस एग्रो इंडस्ट्री नाम की कंपनी है। ये दोनों कंपनियां इथेनॉल मनाती है। स्पष्ट है कि पिता नीतियां बनाता है, बेटे पैसे कमाते हैं।
पवन खेड़ा ने बताया कि निखिल गडकरी की कंपनी Cian Agro का जून, 2024 में रेवेन्यू 18 करोड़ था जो कि जून, 2025 में बढ़कर 723 करोड़ हो गया। इस कंपनी के शेयर की कीमत जनवरी, 2025 में 37 रुपए थी जो अब बढ़कर 638 रुपए हो गई है।” खेड़ा ने कहा कि पिछले 11 साल के इतिहास में कोई भी स्कीम समय से पूरी नहीं हुई लेकिन 2025 की समयसीमा से पहले देश ने 20% एथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया।
निखिल गडकरी और सारंग गडकरी दोनों मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी के बेटे हैं।
• नितिन गडकरी के दोनों बेटों की कंपनियां — Cian Agro Industries & Infrastructure Ltd, Manas Agro Industries And Infrastructure Ltd — एथेनॉल प्रोड्यूस करती हैं।
यानी- सरकार में बैठे पिता पॉलिसी… pic.twitter.com/akPwgRpqPZ
— Congress (@INCIndia) September 4, 2025
पवन खेड़ा ने कहा कि पेट्रोल में 2025 की समयसीमा से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया। हालांकि पेट्रोल सस्ता नहीं होगा। इसका जनता को लाभ नहीं मिलेगा। ये भतीजों की कृपा है। ये तमाम नीतियां अपने भतीजों के लिए कुछ-कुछ डाल दिजीए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐसे तमाम भतीजे हैं।
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गौरतलब है कि राष्ट्रीय जैव ईधन नीति 2018 के अनुसार, भारत सरकार पूरे देश में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है। इसके तहत पेट्रोलियम वितरण कंपनियां (ओएमसी) मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। ईबीपी कार्यक्रम के तहत सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है।
एक्सपर्ट के मुताबिक पेट्रोल में समय से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने से वाहनों के इंजन को भारी नुकसान पहुंच रहा है। 20 प्रतिशत इथेनॉल वाले पेट्रोल के लिए बीएस-6 इंजन की जरूरत है। भारत में अभी भी बीएस-4 इंजन वाले वाहन चलन में हैं। इससे उनको भारी नुकसान हो रहा है।