Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Ganesh Chaturthi |
  • Tariff War |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

CJI ने अपने भांजे को HC का जज चुना, पूर्व न्यायधीश ओका बोले- मैं ये बिलकुल नहीं करता; RSS पर भी बोले

Collegium: पूर्व जस्टिस अभय S ओका ने हाल ही हुई कॉलेजियम की सिफारिशों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। उन्होंने बताया इसमें CJI के रिलेटिव को भी नोमिनेट किया गया है और खुद चीफ जस्टिस इसका हिस्सा रहे है।

  • By सौरभ शर्मा
Updated On: Sep 05, 2025 | 10:35 AM

चीफ जस्टिस बी.आर. गवई व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभय एस. ओका (फोटो- सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Abhay S Oka Remark on Collegium: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभय एस. ओका ने चीफ जस्टिस बी.आर. गवई के एक फैसले पर सवाल उठाए हैं। यह मामला तब सामने आया, जब जस्टिस गवई के भांजे राज वाकोडे का नाम बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के लिए प्रस्तावित किया गया। बीते सप्ताह ही कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश की थी। इस पर जस्टिस ओका ने कहा कि अगर वह चीफ जस्टिस होते तो खुद को इस तरह के कॉलेजियम से अलग कर लेते। यह खबर न्यायपालिका में नियुक्तियों की प्रक्रिया पर फिर से एक नई बहस छेड़ रही है।

जस्टिस अभय एस. ओका ने इस बात पर जोर दिया कि जिस भी न्यायाधीश के रिश्तेदार के नाम पर कॉलेजियम में चर्चा हो, उसे तुरंत खुद को इस प्रक्रिया से अलग कर लेना चाहिए। उनका कहना है कि एक तरफ यह सवाल उठता है कि अगर कोई उम्मीदवार पूरी तरह से योग्य है तो क्या सिर्फ इसलिए उसे मौका नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि उसका कोई रिश्तेदार न्यायपालिका में है? लेकिन दूसरी ओर, पारदर्शिता और मर्यादा बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि चीफ जस्टिस ऐसे मामलों से दूरी बना लें।

न्यायपालिका में पारदर्शिता का सवाल

जस्टिस ओका ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इस मामले में जस्टिस गवई ने खुद को अलग किया था या नहीं, लेकिन ऐसा करना ही सही होता। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि ऐसा मामला सामने आता है, तो मुख्य न्यायाधीश को इस कॉलेजियम से अलग हो जाना चाहिए और एक और वरिष्ठ न्यायाधीश को शामिल करके कॉलेजियम का विस्तार करना चाहिए। इसके बाद ही उस संबंधित व्यक्ति के नाम पर विचार किया जाना चाहिए। जस्टिस ओका ने इसे सिस्टम की मर्यादा का सवाल बताया, जिसकी परिभाषा हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है। जब उनसे पूछा गया कि अगर वह खुद ऐसी स्थिति में होते तो क्या करते, तो उन्होंने कहा कि यह एक काल्पनिक सवाल है लेकिन यदि वे होते तो फिर वह ऐसी स्थिति को पैदा होने ही नहीं देते।

यह भी पढ़ें: खेत में खुफिया तहखाना! गुजरात में सिस्टम बिठाकर सिस्टम के साथ खिलवाड़; रेड में लाखों की बरामदगी

RSS से संबंधों पर भी दिया जवाब

जस्टिस ओका ने अपने करियर की शुरुआत में आरएसएस से संबंधों की चर्चाओं पर भी खुलकर बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पिता 2017 तक जीवित रहे, जबकि वह 2003 में जज बने थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता कभी आरएसएस की शाखा में नहीं गए। वे सिर्फ एक या दो ऐसे ट्रस्ट से जरूर जुड़े थे, जिनसे आरएसएस के लोगों का भी संबंध था। इसलिए यह कहना गलत है कि उनके पिता आरएसएस के सदस्य थे। जस्टिस ओका ने कहा कि जज बनने के बाद व्यक्ति पूरी तरह से बदल जाता है और वह केवल संविधान की शपथ लेता है। हर फैसला संविधान के आदर्शों और कानूनों के आधार पर ही लिया जाता है।

Cji br gavai bhanje hc judge appointment justice abhay oka interview

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Sep 05, 2025 | 10:35 AM

Topics:  

  • BR Gavai
  • Legal News
  • Supreme Court

सम्बंधित ख़बरें

1

बाढ़ और भूस्खलन के बाद अब सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर को नोटिस जारी

2

एनआईए को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर मांगा जवाब

3

अगले 8 साल, आठ CJI! लेकिन 2027 है सबसे खास… बदलने वाला है सुप्रीम कोर्ट का इतिहास

4

क्या विधेयक पर मंजूरी अनिश्चितकाल तक रोकी जा सकती है अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राज्यपाल की भूमिका

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.