अग्निवीर प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: देश में लगातार रूप से अग्निवीर मुद्दें को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर होती रही है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी इन दिनों लगातार संसद में अग्रिवीर मुद्दे को लेकर बीजेपी का घेराव किया है और मुआवजे तक को लेकर रक्षा मंत्रालय और पीएम मोदी पर तंज कसा है, लेकिन केंद्र सरकार के आज के फैसले को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी के इस आक्रमक रुख को देखते हुए केंद्र सरकार बैकफुट पर नजर आने लगी है।
केंद्र सरकार ने आज अग्निवीरों को CISF-BSF के भर्तियों में आरक्षण देने का फैसला लिया है। जिसमें अब आयु सीमा और फिजिकल टेस्ट अग्निवीरो को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है।
अग्निवीर से रिटायर हो चुके युवाओं के लिए केंद्र सरकार ने मानो एक उपहार दिया है। जहां सीआईएसएफ और बीएसएफ के प्रमुखों ने घोषणा की है कि अग्निवीरों को बलों में कांस्टेबल भर्ती में 10 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही आयु सीमा और शारीरिक परीक्षण में भी छूट का प्रावधान किया जाएगा। आयु में पहले वर्ष में पांच साल के लिए है और अगले वर्ष में तीन साल की छूट होगी।
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जानकारी के लिए बता दें कि सीआईएसएफ और बीएसएफ के प्रमुखों ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले के मुताबिक संबंधित बलों में कांस्टेबलों के 10 फीसदी पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे। सीआईएसएफ की महानिदेशक नीना सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों की भर्ती को लेकर अहम फैसला लिया है।
इसके बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने कहा उनके पास चार साल का अनुभव है। वे पूरी तरह अनुशासित और प्रशिक्षित जवान हैं। बीएसएफ के लिए यह बहुत अच्छी बात है, क्योंकि हमें प्रशिक्षित जवान मिल रहे हैं। संक्षिप्त प्रशिक्षण के बाद उन्हें सीमा पर तैनात किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व अग्निवीरों की भर्ती से सभी सुरक्षा बलों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा हम उनकी तैनाती का इंतजार कर रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद उन्हें तैनात किया जाएगा। कुल रिक्तियों में से 10 प्रतिशत उनके लिए आरक्षित होंगी। उनके लिए आयु में छूट भी होगी। पहले बैच को पांच साल और उसके बाद के बैच को तीन साल की छूट मिलेगी।
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अग्निवीर मामला देश के लिए एक हॉट टॉपिक की तरह है और विपक्ष के लिए मिठाई। राहुल गांधी ने पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के शुरुआत से ही पीएम मोदी और रक्षा मंत्रालय से अग्निवीर मामले में तीखे सवाल पुछ रहे है। इसके साथ ही कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं कि चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 75 प्रतिशत अग्निवीरों का क्या होगा, क्योंकि कुल भर्तियों में से केवल 25 प्रतिशत को ही 15 साल के लिए रखा जाएगा। इधर, केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियां और विभाग पूर्व अग्निवीरों की भर्ती की योजना की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।