अमित शाह, बीजेपी
चेन्नई : केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह की हालिया तमिलनाडु यात्रा ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। चेन्नई में दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचे शाह की यह यात्रा ना सिर्फ 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बीजेपी और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के संभावित गठबंधन को भी नई दिशा दे सकती है।
चेन्नई पहुंचने के बाद शाह का शेड्यूल काफी व्यस्त रहा। उन्होंने आरएसएस विचारक एस. गुरुमूर्ति से मुलाकात की और तमिलनाडु बीजेपी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठकें कीं। सूत्रों के अनुसार, उनकी मुलाकात AIADMK महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी (EPS) और अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी होने की संभावना है। इन बैठकों में एनडीए को तमिलनाडु में मजबूत करने और सीट-बंटवारे जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी और AIADMK का गठबंधन रहा था, लेकिन 2023 में आपसी मतभेदों के चलते यह टूट गया। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनावों में दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा और डीएमके-कांग्रेस गठबंधन ने भारी जीत दर्ज की। अब दोबारा बीजेपी और AIADMK एक मंच पर आने की तैयारी कर रहे हैं ताकि डीएमके के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा किया जा सके।
राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की यात्रा के दौरान सबसे चर्चित मुद्दा तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई के भविष्य की हो रही है। अन्नामलाई ने हाल ही में कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष बनने की दौड़ में नहीं हैं। वहीं, कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, AIADMK ने गठबंधन की शर्त के रूप में अन्नामलाई को हटाने की मांग रखी है, क्योंकि उनके बयानों से पूर्व में पार्टी नाराज रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो अन्नामलाई को राज्यसभा सीट या केंद्र में नई जिम्मेदारी मिल सकती है।
तमिलनाडु में 2026 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और AIADMK का गठबंधन विपक्षी वोटों का ध्रुवीकरण कर सकता है। डीएमके इस वक्त मजबूत स्थिति में है, लेकिन अभिनेता विजय की ‘तमिलगा वेट्री कड़गम’ (TVK) और सीमन की ‘नाम तमिलर काची’ जैसे नए राजनीतिक विकल्प भी समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, बीजेपी पत्ताली मक्कल काची (PMK) जैसे अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ भी गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है।
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अमित शाह ने अपनी यात्रा से पहले डीएमके सरकार पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता के आरोप लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र ने 2014 से 2024 के बीच तमिलनाडु को 5.08 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी है और राज्य के साथ कोई अन्याय नहीं हुआ है। शाह ने विश्वास जताया कि 2026 में एनडीए तमिलनाडु में सत्ता में आएगा।