पीएम मोदी और शहबाज शरीफ (सोर्स:-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: आज चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की। धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार चुनाव हो रहा है। यहां होने वाले चुनाव के कारण जितना भारतवासियों और जम्मू-कश्मीर की जनता में उत्साह है वहीं सीमा पार हमारे पड़ोसी पाकिस्तान में मायूसी सी छा गई। कारण भी साफ है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव होने से पाकिस्तान को डर है कि कही उसके हाथ से POJK निकल ना जाए।
जम्मू-कश्मीर में तीन चरण में चुनाव होने है, जिसमें पहला चरण 18 सितंबर को, दूसरा चरण का चुनाव 25 सितंबर को और तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा वहीं 4 अक्टूबर को मतदान का रिजल्ट आएगा। चुनाव आयोग ने आज दोपहर को तारीखों का ऐलान किया, लेकिन ऐसा साफ तौर पर देखा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर पाकिस्तान की नींद उड़ चुकी है।
लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू कश्मीर के लोगों ने अपना पूरा योगदान देते हुए बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया, जिसके बाद अब विधानसभा चुनाव के लिए भी जम्मू कश्मीर के लोगों में काफी मात्रा में उत्सुकता देखने को मिल रही है। यही बात पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जहां पहले की तरह लोग अब पाकिस्तान की चालाकी में नहीं आते है और अपने और अपने राज्य के विकास के लिए बातें समझर रहे है। इसके साथ ही जब से भारत ने पीओके को भारत का अभिन्न अंग घोषित किया है, तब से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
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पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण POJK के लोग भी है, जिन्होंने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अपना स्टैंड लेना शुरु कर दिया है। वहां भी वे लंबे समय से पाकिस्तान से आजादी के लिए आंदोलन चला रहे हैं। जिससे पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है। इसलिए पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के चुनावों में खलल डालने के लिए आतंकी गतिविधियों का सहारा ले रहा है।
बौखलाए पाकिस्तान ने जैसे ही देखा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने वाले है तो अपने नापाक इरादे के साथ खड़े हो गया है। यही कारण है कि पाकिस्तान ने सीमा पर SSG कमांडो की घुसपैठ करा दी है। एसएसजी कमांडो की घुसपैठ पाकिस्तान की कोशिश को दर्शाती है कि उसे अब पूरी तरह से ये डर सता रहा है कि अब POJK उसके हिस्से से चला जाएगा।
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आपको याद दिला दें कि 5 अगस्त 2019 को जब ऐतिहासिक फैसला लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ने संसद में अनुच्छेद 370 को खत्म करने का ऐतिहासिक बिल पेश करते हुए ऐलान किया था जम्मू-कश्मीर ही हमारा नहीं है बल्कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भी हमारा है, हम इसके लिए मरेंगे और इसे वापस लेंगे, जिसके बाद से पाकिस्तान की टेंशन और बढ़ी ही हुई है कि अब चुनाव का ऐलान, ऐसा लग रहा है कि अब पाकिस्तान पूरी तरह से घिर चुका है।