
IMA पासिंग आउट परेड में आर्मी चीफ जनरल द्विवेदी, फोटो- सोशल मीडिया
157th Passing Out Parade of Indian Military Academy: देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की 157वीं पासिंग आउट परेड आयोजित हुई, जिसमें थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने शिरकत की। परेड के बाद, उन्होंने नए अधिकारियों के साथ जोश दिखाते हुए 12 सेकंड में 18 पुशअप्स लगाए। 61 साल की उम्र में उनका यह जज्बा सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।
देहरादून में शनिवार (13 दिसंबर, 2025) को भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की 157वीं पासिंग आउट परेड (POP) का भव्य आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी। उन्होंने परेड की समीक्षा करने के बाद सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले सभी कैडेट्स को बधाई दी।
परेड के दौरान परंपरा, अनुशासन और सैन्य गरिमा का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिला। इस बीच, एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है, जिसने सभी का ध्यान खींचा है। परेड के बाद जब युवा अधिकारियों ने जोश के साथ पुश-अप्स लगाना शुरू किया, तो जनरल द्विवेदी भी उनके साथ शामिल हो गए। वीडियो में थल सेना प्रमुख 12 सेकंड में 18 पुशअप्स मारते हुए नजर आ रहे हैं,। 61 साल की उम्र में जनरल द्विवेदी का यह हाई जोश भारतीय सेना के अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और उत्साह की मिसाल पेश कर रहा है।
इस 157वीं पासिंग आउट परेड के दौरान भारतीय सेना की वर्दी को आन-बान-शान का प्रतीक मानते हुए, कुल 525 अधिकारी कैडेट्स कमीशन हुए। ये अधिकारी 157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी ऑनलाइन एंट्रेंस एग्जाम 2023 कोर्स से संबंधित थे। इन भारतीय अधिकारियों के अलावा, 14 मित्र देशों के 34 विदेशी अधिकारी कैडेट्स भी पास आउट हुए। यह भव्य समारोह भारत और मित्र राष्ट्रों के बीच दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को और अधिक मजबूती प्रदान करता है।

परेड की समीक्षा के दौरान, थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कैडेट्स के अनुशासन, सहनशक्ति और नेतृत्व क्षमता की सराहना की। उन्होंने नव-नियुक्त अधिकारियों को निष्ठा और समर्पण के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया, साथ ही भारतीय सेना की परंपराओं का पालन करने को कहा।
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जनरल द्विवेदी ने अधिकारियों को यह संदेश दिया कि सेना में कमीशन मिलना केवल नौकरी नहीं है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी भरे जीवन की शुरुआत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सैन्य सेवा एक ऐसा दायित्व है, जो सर्वोच्च त्याग की मांग करता है। जनरल द्विवेदी ने जोर देकर कहा कि सेना का प्रत्येक अधिकारी देश की संप्रभुता और मूल्यों की रक्षा का प्रहरी होता है।






