चंडीगढ़-मनाली हाईवे बंद, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
Himachal Pradesh landslide: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। पंडोह डैम के पास, कैंची मोड़ के नजदीक, भारी बारिश के चलते सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया है। लगातार रात भर हुई तेज बारिश ने हाईवे को पूरी तरह तबाह कर दिया है, जिससे न गाड़ियों का गुजरना संभव है और न ही पैदल चलने वालों के लिए मार्ग बचा है।
मंडी-बनाला के पास हुए इस भयानक हादसे पर मंडी की सांसद कंगना रनौत ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि पहाड़ धसने से कई लोग और वाहन मलबे में दब सकते हैं। वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं और प्रशासन के संपर्क में हैं। राहत कार्य तेजी से जारी है। उन्होंने ईश्वर से सभी की सुरक्षा और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
मंडी बनाला के पास हुए भीषण हादसे का समाचार अत्यंत दु:खद है। पहाड़ धंसने से कई लोग व वाहनों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
मैं प्रभावित परिवारों के साथ हूं और प्रशासन से लगातार संपर्क में हूं। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
ईश्वर सभी को सुरक्षित रखें और घायलों के…
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) August 28, 2025
पहले, बनाला के पास भूस्खलन के कारण हाईवे बंद था, जहां भारी वाहनों को करीब 9 मील पहले रोक दिया गया था। आज हाईवे को बनाला में पत्थर हटाकर खोलने की योजना थी, लेकिन कैंची मोड़ पर नया धंसाव होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। बनाला में पत्थर हटाने का काम पूरा हो गया है, लेकिन कैंची मोड़ की मरम्मत या वैकल्पिक मार्ग तैयार करने में समय लगेगा। इससे पहले, दवाड़ा के पास हाईवे तीन दिन बाद बहाल हुआ था, लेकिन इस नई घटना ने परेशानियां और बढ़ा दी हैं।
Kullu, Himachal Pradesh: Torrential rains have caused the Beas River to flood and damaged National Highway-3 pic.twitter.com/CPK5ICq6WF
— IANS (@ians_india) August 28, 2025
वर्ष 2023 में भी इसी क्षेत्र में भारी आपदा आई थी, जब हाईवे का एक बड़ा हिस्सा धंसकर पंडोह डैम में गिर गया था। उस समय हाईवे को फिर से बहाल करने में लगभग 8 महीने लगे थे। पुराने मार्ग को दुरुस्त कर यातायात शुरू किया गया था, लेकिन अब कैंची मोड़ पर ऐसा कोई विकल्प मौजूद नहीं है। वर्तमान परिस्थितियों में मंडी से कुल्लू-मनाली जाने के लिए कटौला मार्ग को वैकल्पिक रास्ते के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां हर घंटे में केवल छोटे वाहन ही गुजर सकते हैं, जो फिलहाल एकमात्र विकल्प है।
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स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई की टीमें राहत और मरम्मत कार्य में लगी हुई हैं, लेकिन लगातार बारिश और भू-स्खलन के खतरे के कारण काम काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे केवल जरूरी होने पर यात्रा करें और वैकल्पिक मार्ग का ही इस्तेमाल करें।