हिमाचल में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त (सोर्स- सोशल मीडिया)
Heavy Rain in Himachal Pradesh: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के तमाम इलाकों में इन दिनों भारी बारिश हो रही है। यहां जोरदार बारिश की वजह से जगह-जगह-भूस्खलन का मामला भी सामने आया है। इसके अलावा कई जगह पर सड़कें भी बंद हो गई हैं। सूबे के तमाम इलाको में मध्यम से भारी बारिश होने के कारण दो नेशनल हाइवे सहित कुल 400 सड़कों को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने कहा कि नेशनल हाइवे-3 (मंडी-धर्मपुर रोड) और एनएच-305 (औट-सैंज रोड) भी बंद हैं। इसके साथ ही जिले में 221 और कुल्लू में 102 सड़कें अवरुद्ध हैं। जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से 97 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 51 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। इसके साथ ही इस बीच स्थानीय मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक राज्य के दो से सात जिलों के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। IMD ने आगामी सात दिनों के लिए कुछ जिलों में येलो अलर्ट भी जारी किया है।
राज्य के पंडोह में सबसे अधिक 123 मिलीमीटर बारिश हुई है। इसके साथ ही कसौली में 105 मिमी, जोत में 104.6 मिमी और मंडी तथा करसोग में 68 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बताया कि जोगिंदरनगर में 54 मिमी, नादौन में 52.8 मिमी, बग्गी में 44.7 मिमी, धरमपुर में 44.6 मिमी, भट्टियात में 40.6 मिलीमी, पालमपुर में 33.2 मिमी, नेरी में 31.5 मिमी और सराहन में 30 मिमी बारिश दर्ज की गई।
राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से कम से कम 152 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही 37 लापता बताए जा हैं। समूचे प्रदेश में अब तक 75 बार अचानक बाढ़ आने के साथ-साथ 40 बार बादल फटने और 74 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा कुल 97 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 51 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
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मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, हिमाचल को बारिश से और उससे जुड़ी घटनाओं के चलते 2 हजार 347 करोड़ रुपये की हानि हुई है। वहीं, प्रदेश में मानसून के दौरान एक जून से 24 अगस्त तक सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक 662.3 मिमी बारिश हुई, जबकि औसतन यहां 571.4 मिलीमीटर बारिश होती है।