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ऑस्ट्रेलिया में नया अविष्कार ! लुप्तप्राय कोआला को क्लैमाइडिया से बचाने के लिए पहले टीके को मंजूरी

Australia World's first vaccine: हाल ही में लुप्तप्राय कोआला को क्लैमाइडिया से बचाने के लिए दुनिया के पहले टीके को मंजूरी दे दी है। इस बीमारी ने आधी आबादी को तबाह कर दिया है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Sep 10, 2025 | 02:14 PM

दुनिया के पहले टीके को दी मंजूरी (सौ. डिजाइन फोटो)

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World’s first vaccine for koalas: ऑस्ट्रेलिया में कोआला जैसे जीव जन्तु लुप्त होने की कगार पर है। यहां पर इन जीव जंतुओं को क्लैमाइडिया नाम की बीमारी प्रभावित कर रही है। हाल ही में लुप्तप्राय कोआला को क्लैमाइडिया से बचाने के लिए दुनिया के पहले टीके को मंजूरी दे दी है। यहां पर क्लैमाइडिया एक ऐसी बीमारी है जिसने मार्सुपियल्स (जीव जो अन्य स्तनधारियों की अपेक्षा बहुत कम समय के लिए गर्भधारण करते हैं और जन्म के बाद उनका बच्चा लगभग अविकसित होता है) की आबादी को तबाह कर दिया है।

यूनीएससी ने जारी किया बयान

बताया जा रहा है कि, इस खबर पर यूनीएससी ने बयान जारी किया है। इसके अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के सनशाइन कोस्ट विश्वविद्यालय (यूनीएससी) द्वारा 10 वर्षों से भी अधिक समय में विकसित इस टीके को ऑस्ट्रेलियाई कीटनाशक एवं पशु चिकित्सा औषधि प्राधिकरण द्वारा स्वीकृति मिलना, लुप्तप्राय कोआलाओं को क्लैमाइडिया संक्रमण और मृत्यु से बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बयान में कहा गया है कि प्रजनन के माध्यम से फैलने वाली यह बीमारी दर्दनाक मूत्र मार्ग में संक्रमण, बांझपन, अंधापन और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकती है, कुछ मामलों में संक्रमण दर 70 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।

यहां पर यूनीएससी के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इस टीके ने प्रजनन काल के दौरान कोआलाओं में क्लैमाइडिया के लक्षण विकसित होने की संभावना को कम कर दिया और जंगली आबादी में इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर को कम से कम 65 प्रतिशत तक कम कर दिया।

ये भी पढ़ें- हेल्दी एजिंग प्लान अपनाने में अव्वल है भारत की आधी आबादी, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

कैसी है ये वैक्सीन

बताया जा रहा है कि, यूनीएससी के माइक्रोबायोलॉजी प्रोफेसर पीटर टिम्स ने इस वैक्सीन को लेकर जानकारी दी है। इसके अनुसार बताया गया है कि, इस एकल-खुराक वाले टीके को पशु चिकित्सा नियामक ने वन्यजीव अस्पतालों, पशु चिकित्सालयों और खेतों में उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।उन्होंने कहा, “हम जानते थे कि बिना किसी बूस्टर डोज के, सिंगल डोज वाला टीका ही इस बीमारी के तेज और विनाशकारी प्रसार को कम करने का उपाय है।

ऑस्ट्रेलिया में सभी जंगली कोआलाओं की आधी से ज्यादा मौतें इसी बीमारी के कारण होती हैं।” अब तक, क्लैमाइडिया से संक्रमित कोआलाओं के लिए एंटीबायोटिक्स ही एकमात्र उपलब्ध उपचार थे, लेकिन ये कोआला के भोजन के एकमात्र स्रोत, यूकेलिप्टस के पत्तों को पचाने की क्षमता को बाधित कर सकते हैं, जिससे भूखमरी और कुछ मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ये अक्सर भविष्य में होने वाले संक्रमण को रोकने में भी विफल रहते हैं।

क्लैमाइडिया क्या है बीमारी

इस बीमारी की बात करें तो, बयान के अनुसार, कई टीकाकरण परीक्षणों के माध्यम से एकत्र किए गए एक दशक के नैदानिक ​​आंकड़ों ने टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता की पुष्टि की है। क्लैमाइडिया सबसे आम यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) में से एक है। चूंकि क्लैमाइडिया के कोई प्रत्यक्ष लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए क्लैमाइडिया से पीड़ित कई लोग इसके बारे में नहीं जानते और अनजाने में दूसरों को संक्रमित कर देते हैं। नियमित जांच से इसके प्रसार को कम करने में मदद मिल सकती है।

क्लैमाइडिया बैक्टीरिया से होने वाला सबसे आम यौन संचारित संक्रमण है। हर साल क्लैमाइडिया के लगभग 15 लाख मामले सामने आते हैं। संक्रमणों की संख्या संभवतः इससे भी ज्यादा है। क्लैमाइडिया के ज्यादातर मामले बिना लक्षण वाले होते हैं, यानी संक्रमण के कोई लक्षण या संकेत नहीं दिखाई देते। इनमें से कई मामले शायद रिपोर्ट ही नहीं किए जाते।

आईएएनएस के अनुसार

Worlds first vaccine to protect endangered koalas from chlamydia approved in australia

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Published On: Sep 10, 2025 | 02:14 PM

Topics:  

  • Australia
  • Health News
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