सांकेतिक तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Cancer Weight loss cause: एक नए अध्ययन में पता चला है कि कैंसर मरीजों का वजन तेजी से कम होने का कारण हमारे ब्रेन और लिवर से जुड़ा हो सकता है। कैंसर से होने वाली मौतों में से लगभग एक तिहाई मौतें कैचेक्सिया नामक स्थिति की वजह से होती हैं। यह एक ऐसा विकार है जिसमें मांसपेशियों और शरीर की चर्बी कम हो जाती है, जिससे मरीज का वजन बहुत तेजी से गिरता है। यह स्थिति कैंसर के इलाज को भी कठिन बना देती है और मरीज की मृत्यु का खतरा बढ़ा देती है।
इजरायल के वीजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और अमेरिका के टेक्सास एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है कि मस्तिष्क और जिगर के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान में रुकावट इस वजन कम होने की मुख्य वजह है। कैंसर के कारण शरीर में होने वाली सूजन (इंफ्लेमेशन) वैगस नर्व की गतिविधि को प्रभावित करती है, जो मस्तिष्क और जिगर को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है।
इजरायल के वीजमैन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस और अमेरिका के टेक्सास एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि मस्तिष्क और जिगर के बीच संवाद में रुकावट वजन कम होने का एक मुख्य कारण है। कैंसर से होने वाली सूजन (इंफ्लेमेशन) वैगस नर्व की गतिविधि को प्रभावित करती है, जो मस्तिष्क और लिवर के बीच संवाद का मुख्य रास्ता है।
वैगस नर्व शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों जैसे पाचन, दिल की धड़कन और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। जब कैंसर के कारण शरीर में सूजन होती है, तो यह वैगस नर्व के सामान्य कामकाज में बाधा डालती है, जिससे एक खतरनाक स्थिति उत्पन्न होती है जो जीवन के लिए खतरा बन सकती है।
वेइजमैन इंस्टीट्यूट के डॉ. नामा दर्जी और एमडी एंडरसन के डॉ. अलीशा गैरेट के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन को ‘सेल’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इस शोध के अनुसार, कुछ प्रकार के कैंसर में कैशेक्सिया यानी शरीर के अत्यधिक कमजोर होने की समस्या रोगियों में 85 प्रतिशत तक देखी जाती है, जो खासकर अग्नाशय और फेफड़ों के ट्यूमर में सबसे ज्यादा होती है।
शोध में चूहों पर किए गए प्रयोगों में पाया गया कि बिना सर्जरी के राइट वैगस नर्व को ब्लॉक करने से कैशेक्सिया को रोका जा सकता है। इससे चूहों में कीमोथेरेपी का असर बेहतर हुआ, उनकी सेहत सुधरी और उनकी जीवन अवधि भी बढ़ी।
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक, जिसका अब इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल जारी है, कैंसर मरीजों के लिए एक नया इलाज बन सकती है। यह कैशेक्सिया को रोकने के साथ-साथ कीमोथेरेपी की प्रभावशीलता बढ़ाती है और मरीजों की सेहत और जीवन प्रत्याशा में सुधार करती है। साथ ही यह शोध यह भी बताता है कि मस्तिष्क और शरीर के बीच संवाद स्वास्थ्य और बीमारी में अहम भूमिका निभाता है।
यह भी पढ़ें- सामान्य घी से कितना अलग होता है A2 घी, जानिए इसके खास फायदे
यह तकनीक मान्यता प्राप्त चिकित्सा विधियों पर आधारित है, इसलिए यह जल्द ही कैंसर रोगियों तक पहुंच सकती है। यह अध्ययन दर्शाता है कि कैंसर के नए उपचार विकल्पों के साथ-साथ मस्तिष्क और शरीर के बीच संबंध स्वास्थ्य और रोगों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैगस नर्व के जरिए यह संबंध मेटाबॉलिज्म और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जिससे बीमारियों को समझने और उनका इलाज करने के नए रास्ते खुलते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)