किड्स टिप्स (सौ.सोशल मीडिया)
Side Effects Of Diaper: गर्मियां शुरू होते ही लोगों को नई-नई बीमारियां होने लगती है। इस दौरान घबराहट, बेचैनी, उल्टी होना ये सब आम समस्या है। अगर बात करें छोटे बच्चों की तो गर्मियों के दिनों में कई मां ऐसी होती है जो अपने बच्चों को रोजाना डायपर पहना कर रखती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं डायपर पहनाना गर्मियों के दिनों में बच्चों के लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि गर्मियों में डायपर पहनाना बच्चों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है?
गर्मियों में डायपर पहनाना बच्चों के लिए खतरनाक
एलर्जी का खतरा
एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्मियों में ज्यादा डायपर पहनने से बच्चों को एलर्जी का खतरा बढ़ जाता हैं। क्योंकि डायपर में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स बच्चों की नाजुक स्किन के लिए सही नहीं होता हैं। इससे एलर्जी हो सकते हैं। यह एलर्जी त्वचा पर चकत्ते, खुजली, और जलन का कारण बन सकती है। इसलिए गर्मियों में बच्चों को कम से कम डायपर पहनाना चाहिए।
रैशेज और जलन
आपको बता दें, अगर बच्चे को ज्यादा देर तक गीला या गंदा डाइपर पहने रखे दिया जाए, तो उनकी त्वचा पर रैशेज और जलन की समस्या हो सकती है। गीला डाइपर बच्चे की त्वचा को इन्फेक्शन के लिए नाज़ुक बना सकता है, जिससे उन्हें चिढ़न और दर्द हो सकता है।
हड्डियों और मांसपेशियों पर बुरा असर
एक्सपर्ट्स बताते है कि, ज्यादा देर तक बच्चों को डायपर पहनने से उनकी हड्डियों और मांसपेशियों पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर बच्चा लंबे समय तक डायपर में रहता है, तो उसकी हड्डियों और मांसपेशियों का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता।
डायपर पहनने से बच्चे को अक्सर बैठने या चलने का मौका नहीं मिलता, जिससे उसका शारीरिक विकास धीमा हो सकता है। इसलिए माता-पिता को ज्यादा देर तक बच्चों को डायपर पहनने से बचना चाहिए।
इन्फेक्शन का खतरा
ज्यादा देर तक बच्चों को डायपर पहनने से इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है आपको बता दें, गंदा डाइपर बच्चे के नाजुक अंगों में इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। खासकर लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए यह खतरे की बात हो सकती है। लड़कियों में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) और लड़कों में भी इसी तरह के इन्फेक्शन हो सकते हैं, जो लंबे समय तक गीला या गंदा डायपर पहनने से बढ़ सकते हैं।
बच्चों को डायपर पहनने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
बच्चे को डायपर पहनाने को लेकर यह सवाल लगभग हर मां के मन में होता है। वैसे तो बच्चों को गंदगी से बचाने के लिए डायपर पहनाए जाते हैं, भले ही बच्चा एक दिन से छोटा क्यों न हो।आम तौर पर, छोटे बच्चों को हर 2-3 घंटे में डायपर बदलना चाहिए, ताकि वे गीले या गंदे डायपर में लंबे समय तक न रहें।
आपको बता दें,कता है। रात में सोते समय, अगर बच्चा ज्यादा देर सोता है, तो आप डायपर को कुछ ज्यादा समय तक पहनाकर बदल सकते हैं, लेकिन सुबह होते ही तुरंत डायपर बदल लें। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है और पोटी की आदत डालनी शुरू करता है, डायपर पहनाना कम किया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे को डायपर में बहुत देर तक न रखा जाए और उसे समय-समय पर बदलते रहें, ताकि वह स्वस्थ रहे।
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बच्चे को खुला भी छोड़ें
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बच्चे को कुछ समय के लिए डायपर से खुला छोड़ना बहुत फायदेमंद हो सकता है। जब बच्चा बिना डायपर के होता है, तो उसकी त्वचा को हवा मिलती है, जिससे रैशेज और जलन की समस्या कम होती है।
साथ ही, यह बच्चे को पोटी करने की सही आदत भी सिखाता है। कुछ समय के लिए डायपर से मुक्त रखना बच्चे के शारीरिक विकास के लिए भी अच्छा होता है, क्योंकि इससे उसकी मांसपेशियां और हड्डियां अच्छे से विकसित होती हैं।