जड़ी-बूटियों का खजाना होता है त्रिफला (सौ. सोशल मीडिया)
नई दिल्ली। भारत के चिकित्सा इतिहास में आयुर्वेद का अलग ही स्थान है। यहां पर उत्तर से लेकर दक्षिण तक जड़ी-बूटियों का अलग ही भंडार देखने के लिए मिलता है। इन जड़ी-बूटियों के खजाने में त्रिफला एक खास जड़ी-बूटी है। दरअसल त्रिफला, तीन फलों का मेल होता है इसमें हरड़, बहेड़ा और आंवला होता है, जिनसे मिलकर ये चूर्ण बनता है। त्रिफला शरीर के तीनों दोषों वात, पित्त और कफ को बैलेंस करता है, लेकिन अगर त्रिफला को दूध के साथ लिया जाए तो ये शरीर की कई बीमारियों को कम करता है और कई अन्य मानसिक परेशानियों को कम करने में भी मदद करता है।
आयुर्वेदिक औषधियों में से एक त्रिफला को कई सारे आयुर्वेदिक खजानों में से एक माना जाता है। त्रिफला का सेवन करने से अकेला ही नेत्र, बुद्धि और लंबी आयु प्रदान करता है, क्योंकि त्रिफला के अंदर एंटीबायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट समेत कई गुण होते हैं। इसके सेवन से पाचन शक्ति दुरुस्त रहती है। वहीं पर बढ़ती उम्र के साथ आने वाले प्रभावों को कम करने के लिए त्रिफला का अलग स्थान है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है, बालों और चेहरे की चमक बढ़ती है और मानसिक तनाव को कम करने में कारगर होता है।
अगर आप त्रिफला के अच्छे फायदे चाहते है तो, इसका सेवन दूध के साथ मिलाकर कर सकते है।
1- अगर आप नींद आने की समस्या से जूझ रहे है तो त्रिफला चूर्ण का सेवन दूध के साथ कर सकते है। दूध में दिमाग को शांत करने वाला हार्मोन होता है और त्रिफला के साथ मिलकर दूध गहरी नींद लाने में मदद करता है।
2- त्रिफला, स्किन की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसका सेवन अगर दूध के साथ करते है तो, यह खून को साफ करने का काम करता है जिससे चेहरे पर निखार आता है तो वहीं पर दाग-धब्बे दूर होते है।
3-अगर आप त्रिफला चूर्ण का सेवन दूध के साथ करते है तो, हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए फायदा मिलता है। यह हड्डियों में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है और कोशिकाओं को मजबूती देता है।
4-त्रिफला को लेने का सही समय रात को ही है। एक गिलास दूध के साथ 1 चम्मच त्रिफला का चूर्ण ले सकते हैं। रात में लेना इसलिए जरूरी है, क्योंकि रात के समय शरीर खुद को ठीक करने का काम कर रहा होता है और त्रिफला और दूध एक साथ मिलकर शरीर की गंदगी को बाहर निकालने का काम करते हैं।
आईएएनएस के अनुसार