
ग्रीन टी (सौ. फ्रीपिक)
Green Tea Disadvantage: हेल्थ के लिए ग्रीन टी एक असरदार टॉनिक माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार ग्रीन टी पीने से पाचन सुधारने, मन को शांत रखने और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। लेकिन अगर आप गलत तरीके से ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो यह पेट के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
विज्ञान मानता है कि ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट शरीर को कई तरह की सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसी कारण लोग इसे अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बना रहे हैं। लेकिन ज़रा-सी लापरवाही इस हेल्दी ड्रिंक के फायदे कम कर देती है। कई बार लोग ग्रीन टी को ऐसे तरीके से पीते हैं कि लाभ मिलने की बजाय यह शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसलिए इसके सही सेवन का तरीका जानना बेहद जरूरी है। ताकि इसका पूरा फायदा मिल सके और स्वास्थ्य पर कोई उल्टा असर न पड़े।
अक्सर लोग गलती यह करते हैं कि बहुत गर्म ग्रीन टी पीते हैं। आयुर्वेद कहता है कि अत्यधिक गर्म पेय अम्ल पित्त को बढ़ाते हैं, यानी पेट में तेज जलन और भारीपन का कारण बन सकते हैं। विज्ञान भी मानता है कि बहुत गर्म तरल गले की परत को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे सूजन या खराश जैसा महसूस होने लगता है।
खाली पेट ग्रीन टी पीना भी गलत है। आयुर्वेद के अनुसार, खाली पेट कसैला पेय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह वात और पित्त दोनों को असंतुलित करता है। विज्ञान के अनुसार, ग्रीन टी में मौजूद कैफीन पेट में एसिड का स्तर बढ़ा सकती है, जिससे गैस या हल्की ऐंठन हो सकती है। जब पेट में भोजन न हो तो यह एसिड सीधे पाचन तंत्र को परेशान करता है। इसलिए हमेशा हल्का नाश्ता या कुछ बिस्कुट खाकर ही ग्रीन टी लेना बेहतर होता है ताकि पेट संतुलित रहे।

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स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें चीनी या दूध मिला देते हैं, लेकिन यह भी सेहत के लिहाज से सही नहीं माना जाता। आयुर्वेद में कहा गया है कि ग्रीन टी की तासीर हल्की और शीतल होती है, जबकि चीनी भारी और गरम करने वाली होती है। दोनों का मेल पाचन को धीमा कर देता है। दूसरी तरफ, दूध मिलाने से चाय के एंटीऑक्सीडेंट प्रोटीन के साथ बंध जाते हैं। जिससे शरीर उन्हें पूरी तरह अवशोषित नहीं कर पाता। बिना किसी मिलावट के बनी ग्रीन टी ही शरीर को पूरी तरह लाभ पहुंचाती है।
लोगों में ऐसी धारणा भी है कि दिन में कई कप ग्रीन टी पीने से वजन जल्दी घटेगा या शरीर अत्यधिक डिटॉक्स हो जाएगा। ये पूरी तरह गलत है। आयुर्वेद में किसी भी चीज का अति सेवन दोष वृद्धि का कारण माना गया है। वहीं वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि अधिक कैफीन शरीर में बेचैनी, दस्त या पेट दर्द पैदा कर सकता है। बहुत ज्यादा ग्रीन टी लेने से आयरन अवशोषित करने की क्षमता भी कम हो सकती है। जिससे कमजोरी महसूस हो सकती है। इसलिए दिन में दो या तीन कप ही पर्याप्त हैं ताकि शरीर संतुलित तरीके से फायदे ले सके।






