इंटरमिटेंट फास्टिंग (सौ. ,सोशल मीडिया)
Intermittent Fasting : भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई अपनी सेहत का अच्छी तरह से ख्याल नहीं रख पाते है और जिसका खामियाजा मोटापा या अन्य बीमारियों के लिए उठाना पड़ता है। मोटापा को कम करने के लिए कई लोग ट्रेडिशनल तरीके अपनाने के साथ ट्रेडिंग डाइट के तरीके भी अपनाते है। पॉपुलर ट्रेंड्स में से एक इंटरमिटेंट फास्टिंग का तरीका है जिसके जरिए लोग वजन कम होने का दावा करते है।
हाल ही में नई रिसर्च के तहत खुलासा हुआ है जो बेहद ही चौंका देने वाला है। अगर आप इस इंटरमिटेंट फास्टिंग का तरीका अपनाते है तो अनचाही गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते है। चलिए विस्तृत रूप से जानिए…
हाल ही में सामने आई जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में छपी एक स्टडी के अनुसार मानें, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से दिल की बीमारी और स्ट्रोक से मौत का खतरा बढ़ सकता है। भले ही यह डाइटिंग का पॉपुलर ट्रेंड है लेकिन नुकसान इसके काफी है। अगर आप लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करते है तो शरीर पर गंभीर दुष्प्रभाव देखने के लिए मिलते है। इस डाइट पैटर्न में लंबे समय का उपवास और थोड़ा खानपान होता है। जैसे कि 16 घंटे का फास्ट और 8 घंटे का ईटिंग विंडो होती है. माना जाता है कि इससे शरीर की चर्बी तेजी से घटती है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। इसके विपरीत इस तरह की फास्टिंग आपके शरीर को कई बीमारियों का गढ़ बना देती है।
यहां पर इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान शरीर में कई तरह के नुकसान नजर आते है। जिनके बारे में चलिए जानते है..
पोषण की कमी – सीमित समय में खाने से जरूरी विटामिन और मिनरल्स की कमी।
ब्लड शुगर असंतुलन – डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल अचानक घट या बढ़ता है।
हार्ट रिस्क – लंबे समय तक इस पैटर्न को अपनाने से हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर – लगातार भूखे रहने से मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और तनाव की समस्या हो सकती है।
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इस तरह की बीमारियों के खतरे से बचने के लिए आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए…