
कुल्थी दाल के फायदे (सौ.सोशल मीडिया)
Benefits of Kulthi Dal: दाल भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है। इसे भारतीय खाने की जान कहा जाए, तो बिलकुल गलत नहीं होगा। हर घर में लगभग रोजाना किसी एक तरह की दाल तो बनती ही है, जिसे लोग कभी रोटी, तो कभी चावल या बाटी के साथ खाना पसंद करते है।
अरहर, मूंग, मसूर, चना, उड़द दालें तो हम रोज खाते हैं, लेकिन आज हम एक ऐसे दाल के बारे बताने जा रहे है जो किसी औषधि से कम नहीं। इसका नाम कुल्थी की दाल है। इसे डाइट में शामिल कर आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।
आयुर्वेद में कुल्थी की दाल को सुपरफूड कहा गया है। आपको बता दें, सदियों से कुल्थी का इस्तेमाल पथरी, डायबिटीज, मोटापा और जोड़ों के दर्द जैसी कई बीमारियों को मात देने के लिए किया जाता रहा है। कुल्थी की दाल को पत्थरचट के नाम से भी जाना जाता है, यह पत्थर (पथरी) को भी गला देता है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कुल्थी दाल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण भरपूर होते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट बहुत कम और प्रोटीन-फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। यही वजह है कि यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बेहतरीन काम करती है और डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक प्राकृतिक दवा की तरह काम करती है।
आपको बता दें, कुल्थी दाल का सेवन पथरी मरीज के लिए बड़ा फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद खास तत्व पथरी को घोलने और बाहर निकालने में मदद करते है। रोजाना कुल्थी की दाल का सूप या जूस पीने से पथरी धीरे-धीरे टूटकर मूत्र मार्ग से आसानी से बाहर निकल जाती है। इसे प्राकृतिक स्टोन-ब्रेकर भी कहा जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, कुल्थी की दाल या जूस वात रोगों में भी राहत देता है। जोड़ों का दर्द, गठिया, कमर दर्द और घुटनों की सूजन में इसे पीने से आराम मिलता है। इसके अलावा, यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है, जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालती है।
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आपको बता दें, कुल्थी की दाल सस्ती, आसानी से मिलने वाली और बिना साइड इफेक्ट वाली दाल प्रकृति का दिया अनमोल उपहार है, जिसे रात भर भिगोकर, फिर उबालकर खाने या इसका पानी पीने से और भी लाभ मिलता है। किडनी में बड़ी पथरी या कोई गंभीर बीमारी होने पर डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।






