
इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया (सौ.सोशल मीडिया)
Idiopathic hypersomnia: एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए 8 घंटे की नींद काफी जरूरी होती है। नींद का कोटा अक्सर कई लोग पूरा नहीं कर पाते है जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उन्हें घेर लेती है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि, व्यक्ति पूरी रात 8 घंटे की नींद पूरी करने के बाद भी थका हुआ और सुस्त महसूस करता है। यह कारण एक स्वास्थ्य समस्या का संकेत देता है जिसका नाम है- इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया (आईएच)।एक ऐसी स्थिति जिससे लोगों को भरपूर आराम करने के बाद भी लगातार नींद आती रहती है। चलिए विस्तार से जानते है बीमारी के बारे में।
यहां पर बात करें तो, यह न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो नींद से जुड़ी है। इस बीमारी की स्थिति के लोगों को दिन में बहुत बार नींद आती है तो वहीं पर बीमारी वाले लोग अक्सर लंबे समय तक सोते हैं, फिर भी जागने पर उन्हें सुस्ती और कंफ्यूजन महसूस होता है। इस बीमारी से पीड़ित लोग अक्सर लगातार थकान महसूस करते हैं। पूरी रात अच्छी तरह सोने के बाद भी, उन्हें दिन में जागते रहने में मुश्किल होती है और जागने पर कन्फ्यूजन हो सकता है।
क्योंकि इसके लक्षण दूसरी नींद की बीमारियों या मेंटल हेल्थ कंडीशन जैसे हो सकते हैं, इसलिए कई मरीजों को सही डायग्नोसिस मिलने में देरी होती है। पिछली स्टडीज में तो यह भी बताया गया है कि इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया, एपिलेप्सी या बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी बीमारियों से ज्यादा आम हो सकता है। इसके अलावा यह बीमारी किन कारणों से होती है यह साफ नहीं है। इसे लेकर साइंस डायरेक्ट डॉट कॉम में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट ने खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, दिमाग के नींद और जागने के साइकिल को कंट्रोल करने से शुरू होती है। जो इस समस्या से जूझ रहा होता है, वह दिन में भी खूब सोता है।
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यहां पर बीमारी के इलाज को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं मिलती है।रिसर्च रिपोर्ट सोने के सही स्थान, साफ-सुथरे बिस्तर और अच्छी लाइफस्टाइल को अहम मानती है। उनके अनुसार इलाज मुख्य रूप से लक्षणों को मैनेज करने और मरीजों को रोजाना के काम करने में मदद करने पर फोकस करता है।
आईएएनएस के अनुसार






