बच्चे मिट्टी क्यों खाते हैं (सौ.सोशल मीडिया)
Bache Mitti Kyu Khate Hai: जन्म से ही माता-पिता, बच्चे को अच्छी आदतें सिखाते है लेकिन कुछ आदतें बच्चे खुद सीख लेते है जिस पर ध्यान देने की जरूरत होती है। आपने कभी बच्चों को मिट्टी या चॉक खाते देखा है, आखिर बच्चे ऐसा क्यों करते है सोचा है आपने कभी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ, बच्चों में इस समस्या का अर्थ पोषक तत्वों की कमी से लगाते है। आमतौर पर बच्चों के मिट्टी या चॉक खाने को लेकर यह कहा जाता है कि ऐसा बच्चे शरीर में कैल्शियम या आयरन की कमी का कारण है।कई बार मिट्टी खाने की यह आदत इटिंग डिसऑर्डर का हिस्सा भी है।
आखिर मिट्टी खाने की आदत किन कारणों से होती है कैसे प्रभावित करती है और इसके उपाय क्या है। चलिए इस बात के बारे में जानते है।
बच्चों के मिट्टी या चॉक खाने की आदत को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट बताते है कि, इस समस्या की कई वजहें है। यहां पर कई बच्चों में यह आदत सिर्फ मिट्टी और चॉक तक ही सीमित नहीं रहती है। उनकी नॉन फूड आइटम को मुंह में डालने की आदत शुरू हो जाती है। मिट्टी या चॉक खाने की आदत का कारण PICA डिसऑर्डर भी माना जाता है। इसके अलावा कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि बच्चों की मिट्टी खाने की आदत शरीर में आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों की कमी की वजह से हो सकती है। कई बच्चे मिट्टी का स्वाद और सुगंध जानने के लिए भी होती है। बता दें, केवल बच्चों में ही नहीं यह आदत व्यस्क लोगों में भी देखने के लिए मिलती है।
यहां बच्चों में मिट्टी या चॉक खाने की आदत के कई कारण है जिसमें यह प्रमुख है…
यहां पर मिट्टी खाने की आदत का असर शरीर के कई हिस्सों पर पड़ता है।
1- मिट्टी खाने की आदत का असर बच्चे के आंत और पेट में फैले संक्रमण के रूप में हो जाती है। मिट्टी में मौजूद कीड़े और परजीवी पेट में खाने से जा सकते है। इसका असर पेट में गंभीर संक्रमण को जन्म देता है।
2- मिट्टी खाने से पेट में कीड़े की समस्या हो सकती है। यहां पर पेट में लगातार दर्द, भूख न लगना और उल्टी या मतली की समस्या भी हो सकती है।
3- मिट्टी खाने की वजह से दांतों को गंभीर नुकसान होता है। मिट्टी में मौजूद हानिकारक तत्व और परजीवी दांतों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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यहां पर बच्चों में मिट्टी की आदत छुड़ाने के लिए आपको डाइट में कई तरह के बदलाव करना चाहिए।बच्चों की डाइट में पर्याप्त मात्रा में आयरन, जिंक और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करना चाहिए।
इसके अलावा अगर आपके बच्चे में यह आदत लंबे समय से है तो इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।