गर्मियों में बर्फ खाने से क्या होता है (सौ. सोशल मीडिया)
Ice Craving Problems:गर्मी का मौसम चल रहा है। जहां पर अप्रैल महीने के कुछ दिन शेष बचे है, तो प्रचंड गर्मी वाला महीना मई दस्तक देगा। गर्मी में अक्सर तापमान बढ़ने की वजह से सेहत को नुकसान पहुंचता है। गर्मियों में शरीर को ठंडक देने के लिए लोग ठंडा पानी पीने के अलावा आईसक्रीम या कोल्डड्रिंक्स भी पीते है। किसी भी पेय पदार्थ को ठंडा करने के लिए बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है। बर्फ ठंड देने का काम करता है लेकिन कई लोग बर्फ के टुकड़ों को दांतों से चबाने लगते है। शक्कर खाने की तरह ही बर्फ के टुकड़े खाना पसंद करते है।
भले ही यह शरीर को ठंडा करने का काम करता हो लेकिन स्वास्थ्य के नजरिए से बर्फ के टुकड़ों का सेवन एक गंभीर बीमारी की ओर इशारा करती है। बर्फ के टुकड़े खाना नुकसानदायक होता है।
यहां पर आइस क्रेविंग या बर्फ खाने की आदत को Pica नाम का इटिंग डिसऑर्डर माना जाता है। इस बीमारी में लोग बर्फ के टुकड़े खाना पसंद करते है। इसे लेकर रिसर्च में कहा गया है कि, जिन लोगों को आयरन की कमी होती है उन्हें भी बर्फ खाने की क्रेविंग होती है. जो आयरन सप्लीमेंट लेने पर कम भी हो जाती है। कई बार इस प्रकार की आदत प्रेग्नेंसी, पीरियड्स के समय और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ज्यादा देखने के लिए मिलती है। डिहाइड्रेशन से पीड़ित लोग भी आइस क्रेविंग का शिकार हो सकते है।
आपको बताते चलें कि, आइस क्रेविंग की आदत होने से सेहत को इसके गंभीर नुकसान हो सकते है, चलिए जानते हैं कैसे पड़ता है बुरा असर
1- आइस क्रेविंग या पिका डिसऑर्डर की बीमारी से पीड़ित को ज्यादा बर्फ खाने से पेट में परेशानी और चोकिंग की समस्या हो सकती है। किसी तरह का इंफेक्शन भी बर्फ ज्यादा खाने से हो जाता है।
2- फ्लेवर्ड ड्रिंक्स में डली बर्फ खाने के शौकीन को वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
3- बर्फ खाने से दांतों को बुरी तरह से नुकसान होता है। एकदम ठंडी बर्फ आपके दांत की इनेमल की परत को डैमेज कर सकती है।
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यहां पर आइस क्रेविंग की समस्या से जूझ रहे लोगों के इलाज की प्रक्रिया उनकी मानसिक स्थिति का आंकलन करके ही लगाया जा सकता है। इस तरह के पिका के लिए पहले उनकी मानसिक स्थिति समझना जरूरी है. उसके आधार पर उनका ट्रीटमेंट तय होगा. विशेषज्ञ उन्हें एंटीडिप्रेसेंट या एंटी एंग्जायटी ड्रग दे सकते हैं।