माउथ स्वैब से टीबी की जांच (सौ. सोशल मीडिया)
Prevention of tuberculosis: दुनियाभर में कई बीमारियों का जाल फैला हुआ है जिसें कैंसर, डायबिटीज और टीबी आ जाते है। इनके निदान पर काम करने के साथ ही बीमारियों के मामसे सामने आते रहे है। टीबी यानि ट्यूबरकुलोसिस की बीमारी को लेकर हाल ही में एक रिसर्च से नई स्टडी सामने आई है। इसके अनुसार, वर्तमान में प्रयुक्त थूक परीक्षण के स्थान पर, शीघ्र ही साधारण टंग स्वैब से तपेदिक की जांच संभव हो सकेगी। यानि कि, टीबी की जांच के लिए परीक्षण करने के लिए माउथ स्वैब लिया जाएगा। जानिए विस्तृत रूप से स्टडी के बारे में।
यहां पर अमेरिका के टुलेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्नत सीआरआईएसपीआर-आधारित तकनीक का उपयोग करके दुनिया की सबसे घातक संक्रामक बीमारी की कम्युनिटी-बेस्ड स्क्रीनिंग को आसान बनाया जा सकता है। इसके अलावा टुलेन के स्कूल ऑफ मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर और प्रमुख लेखक जेन हुआंग ने कहा कि एक व्यावहारिक ट्यूबरकुलोसिस टंग स्वैब टेस्ट से कम संसाधन वाले समुदायों को फायदा पहुंच सकता है।
यहां पर स्टडी में प्रोफेसर हुआंग ने आगे बताया कि, “टंग (जीभ) स्वैब दर्द रहित होते हैं, इन्हें एकत्र करना आसान होता है, और इसके लिए प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं होती है। इससे बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग का रास्ता खुल जाता है।” इसके अलावा वर्तमान में टीबी परीक्षण थूक पर निर्भर है, जो फेफड़ों और निचले श्वसन तंत्र से एकत्र किया गया बलगम होता है।
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नई स्टडी के अनुसार बताई गई नई जांच में कहा है कि, वर्तमान में टीबी परीक्षण थूक पर निर्भर है, जो फेफड़ों और निचले श्वसन तंत्र से एकत्र किया गया बलगम होता है। नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन ने पहले के सीआरआईएसपीआर-आधारित परीक्षण के गैप को कम करने का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि, एक्टसीआरआईएसपीआर-टीबी नामक नई आरआईएसपीआर विधि ने टीबी बैक्टीरिया के डीएनए से आनुवंशिक संकेतों को समझने में मदद की। इसने एक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण प्रदान किया जिससे एक घंटे से भी कम समय में निदान किया जा सकता है।
जहां पर क्लिनिकल टेस्टिंग से पता चला कि ट्रेडिशनल टेस्टिंग की तुलना में टंग स्वैब से टीबी का पता लगाना आसान है। पहले जहां इसकी दर 56 प्रतिशत थी, वहीं अब 74 प्रतिशत हो गई है। बताया जा रहा है कि, इस परीक्षण ने श्वसन (93 प्रतिशत), पीडियाट्रिक स्टूल (83 प्रतिशत), और वयस्क रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ के नमूनों (93 प्रतिशत) से टीबी का पता लगाने में बड़ी सफलता अर्जित की है।
आईएएनएस के अनुसार