थोड़ा चलते ही सांस फूलने से बीमारी का खतरा (सौ. डिजाइन फोटो)
Breathing Issue in Walking: आजकल की लाइफस्टाइल हर किसी के लिए बदल सी गई है। जहां पर पहले के लोग लंबी दूरी तक पैदल चलकर निकल जाते थे लेकिन अब युवाओं में ही थोड़ी दूर ज्यादा चलने पर सांस फूलने की शिकायत हो जाती है। जहां पर थोड़ा चलने पर ही सांस फूलना एक सामान्य समस्या मानी जाती है, लेकिन यह हमेशा साधारण थकान या उम्र का असर नहीं होता। यह शरीर के भीतर चल रहे कई गंभीर बदलावों का संकेत भी हो सकता है। अगर आप लंबा चलने के बाद थकने लगे है तो इसे आप मामूली समझने की गलती न करें, यह आपकी सेहत पर गंभीर बीमारी का परिणाम हो सकता है।
इस प्रकार की स्थिति तब बनती है जब दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं या शरीर में सही तरह से ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता है, तब शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, जिससे सांस फूलने लगती है। इसी तरह, फेफड़ों में यदि सूजन, एलर्जी, या किसी तरह की श्वसन बाधा हो तो वे पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पाते। इसके अलावा यह भी होता है कि, शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी (एनीमिया) होने पर खून में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता घट जाती है, जिससे थोड़ी सी मेहनत पर भी सांस तेज हो जाती है। मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, और थायरॉइड जैसी स्थितियां भी इस समस्या को बढ़ा सकती हैं। इस प्रकार की समस्याओं के इलाज के लिए दवाईयों के जरिए इलाज खोजा जाता है लेकिन आयुर्वेद में इस बीमारी से बाहर निकलने का रास्ता है।
आयुर्वेद में इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए कई सरल घरेलू उपाय उपलब्ध हैं।
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इसके अलावा, धूल, धुआं और परफ्यूम जैसी चीजों से दूरी बनाए रखें। तेज चलने या व्यायाम करने से पहले हल्के गति से शुरुआत करें ताकि दिल और फेफड़े एडजस्ट हो सकें। यदि सांस फूलने के साथ छाती में दर्द, चक्कर या अत्यधिक थकान हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आईएएनएस के अनुसार