कफ सिरफ (सौ. सोशल मीडिया)
Cough Syrup Controversy: इन दिनों कफ सिरफ विवाद तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस विवाद में मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आ चुके है। कफ सिरफ, जहां पर बच्चों की खांसी के लिए दवाई के रूप में लिया जाता था वहीं पर इससे मौत की वजह सामने आई है।
कफ सिरफ में एक खतरनाक केमिकल डायएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol—DEG) मिले होने की जानकारी मिली है। अगर कफ सिरफ में जहरीला केमिकल मिलाया जाता है तो यह सेहत के लिए जानलेवा साबित हो जाता है।
कफ सिरफ में मिलाए जाने वाले इस डायएथिलीन ग्लाइकॉल केमिकल की बात करें तो, यह एक औद्योगिक सॉल्वेंट है, जिसका इस्तेमाल एंटीफ्रीज़, ब्रेक फ्लूइड और पेंट इंडस्ट्री में किया जाता है।यह इंसानों के लिए बेहद खतरनाक होता है, लेकिन सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने के कारण कुछ निर्माता इसे दवा में मिला देते हैं। दरअसल इसकी जगह पर कफ सिरफ में प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल मिलाया जाता है जिसे सेहत के लिए सुरक्षित सॉल्वेंट माना जाता है। लेकिन इस केमिकल के महंगे होने की वजह से कफ सिरफ बनाने वाले निर्माता DEG मिला देते हैं।
DEG केमिकल की मात्रा कम होने पर सेहत को कोई असर नहीं पड़ता है लेकिन मात्रा ज्यादा होने से सेहत पर बुरा असर डालता है। बच्चों की मौत के मामले आने के बाद लैब में जब इस दवा की जांच की गई तो पाया गया कि इसमें DEG की मात्रा 48.6 फीसदी थी।
कफ सिरफ में मिलाया जाने वाला DEG केमिकल, शरीर के कई हिस्सों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।DEG शरीर में जमा होकर किडनी और लिवर हेल्थ पर काफी बुरा असर डालता है, इससे लिवर और किडनी फेल होने के चांसेस मिलते है। केमिकल के इस्तेमाल से शरीर पर गंभीर लक्षण नजर आने लगते है, इसमें,
-उल्टी और दस्त
-पेशाब कम आना या बंद हो जाना
-सांस लेने में कठिनाई
-भ्रम और बेहोशी
– किडनी फेलियर और मौत
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इस तरह के लक्षण बच्चों में नजर आतें है तो आपको सावधानियां बरतना जरूरी है…