
स्वास्थ्य के लिए जरूरी है सही वक्त पर वॉक (सौ.सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: तेज रफ्तार वाली ज़िंदगी में लोग अकसर अपनी सेहत का ख्याल रखना भूल जाते हैं। अगर आप गंभीर और जानलेवा बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं, तो अपने रोज़ाना के जीवन में किसी न किसी शारीरिक गतिविधि को जरूर शामिल करें। आयुर्वेद के अनुसार, रोज़ाना टहलने से भी शरीर को मजबूत और सेहतमंद बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं टहलने का सही तरीका क्या है और इससे जुड़ी जरूरी बातें।
आयुर्वेद के अनुसार, नंगे पैर घास पर चलना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह परंपरा दादी-नानी के समय से ही चली आ रही है कि सुबह-सुबह हरी घास पर नंगे पैर टहलना चाहिए। यह आदत न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है। आइए जानते हैं कि घास पर नंगे पैर चलने से हमें कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
हर दिन घास पर नंगे पैर चलने से ऊर्जा स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। यह आदत तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने में मददगार होती है। आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने के लिए भी यह एक असरदार उपाय माना जाता है। इसके अलावा, घास पर टहलने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह अभ्यास पाचन तंत्र यानी गट हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
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सुबह का समय घास पर टहलने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। सूरज निकलने से पहले नंगे पैर हरी घास पर चलना स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। इस समय वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होती है। यदि आप एक महीने तक रोज़ सुबह हरी घास पर नंगे पैर टहलने की आदत बना लें, तो इसके सकारात्मक प्रभाव आप खुद महसूस करेंगे।
नोट: इस लेख में दिए गए सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं। किसी भी प्रकार का फिटनेस रूटीन अपनाने, आहार में बदलाव करने या स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी उपचार को आज़माने से पहले कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।






