आयुर्वेद में छिपी है विशेष औषधि (सौ. सोशल मीडिया)
Benefits of Ayurvedic Herbs: आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज छिपा है यह दुनिया की पहली और सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है जिसके जरिए इलाज आसानी से संभंव है। किसी बीमारी का तुरंत इलाज पाने के लिए लोग वैसे तो एलोपैथी दवाईयों का सेवन करते है लेकिन आयुर्वेद सभी बीमारियों को दूर करने के लिए सक्षम है। भले ही आयुर्वेद अपनी धीमी प्रक्रिया से इलाज करता है लेकिन बीमारी को जड़ से मिटाने में सक्षम है।
आज लोग प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज के लिए आयुर्वेद की ओर अधिक रुख कर रहे हैं। कम लोगों को जानकारी होगी कि, कैसे हर अंग के लिए विशेष औषधियों और इलाज के लिए आयुर्वेद जरूरी भूमिका निभाता है।
यहां पर शरीर के हर अंग के लिए आयुर्वेदिक औषधियां मौजूद है जो इस प्रकार है…
1- बालों के लिए भृंगराज का उपयोग करना काफी असरदार होता है। यह न केवल बालों को झड़ने से रोकता है, बल्कि उन्हें मजबूत, घने और प्राकृतिक रूप से काला बनाए रखने में मदद करता है।
2-चेहरे की देखभाल और सुंदर बनाने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल उपयोगी होता है। यहां पर एलोवेरा के गुण त्वचा को नमी प्रदान करते हैं, उसे स्वस्थ बनाते हैं और सूजन या दाग-धब्बों को कम करने में सहायक होते हैं।
3-दिल की सेहत के लिए आयुर्वेदिक औषधि में अर्जुन और तुलसी का सेवन करना सही अच्छा माना गया है। अर्जुन की छाल हृदय की धड़कन को संतुलित करता है और रक्तवाहिनियों को मजबूत बनाता है, जबकि तुलसी का सेवन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है औऱ दिल हेल्दी होता है।
4-गुड़हल पित्ताशय के लिए लाभकारी होता है। आयुर्वेद में मौजूद इस औषधि का सेवन करने से यह पित्त से जुड़ी समस्याओं को नियंत्रित करता है और पाचन को सुधारता है। वहीं पर आंवला यकृत या जिगर के लिए अत्यंत उपयोगी है, यह लिवर को मजबूत बनाता है और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। कालमेघ अग्न्याशय, सिरा और धमनियों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
5- नीम, पीपल, शीशम और नीमगिलोय दिमाग को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और रक्त शुद्धि में योगदान देते हैं। इसके अलावा ब्राह्मी और शंकपुष्पी मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लाभकारी हैं, ये स्मृति और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाते हैं।
6- आंखों के लिए आयुर्वेदिक औषधियों में हरड़, बेहेड़ा और आंवला अत्यंत उपयोगी होता हैं। इसका सेवन करने से दृष्टि शक्ति बेहतर होती है तो वहीं पर आंखों से संबंधित रोगों को कम करते हैं। कान के स्वास्थ्य के लिए सुदर्शन लाभकारी है, जबकि गले के लिए मुलेठी का उपयोग किया जाता है। फेफड़ों के लिए वासा और गंभारी के उपयोग से श्वसन प्रणाली मजबूत होती है।
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7-प्लीहा के लिए आयुर्वेद में ही शरपुंखा लाभकारी भूमिका निभाता है। आमाशय के लिए हरड़, बेहेड़ा और आंवला पेट की समस्याओं को कम करते हैं और पाचन क्रिया को सुधारते हैं। किडनी के स्वास्थ्य के लिए पुनर्नवा और गोखरू लाभकारी हैं, जो मूत्र प्रणाली को ठीक रखते हैं। मूत्राशय के लिए पलाश और गोखरू का प्रयोग लाभदायक होता है।
8-आयुर्वेद में घुटनों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए पारिजात (हार-श्रृंगार) का प्रयोग किया जाता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है। आध्यात्मिक स्वास्थ्य और आत्मा के संतुलन के लिए एडी आक (अर्क) का प्रयोग लाभकारी माना गया है।
आईएएनएस के अनुसार