राम रहीम, फोटो-सोशल मीडिया
Ram Rahim: बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर हरियाणा की रोहतक की सुनारिया जेल से 40 दिन की पैरोल पर रिहा कर दिया गया है। यह इस साल 2025 में उनकी तीसरी रिहाई है और 2017 में सजा मिलने के बाद से कुल 14वीं बार उन्हें जेल से बाहर आने की इजाजत दी गई है।
राम रहीम की यह रिहाई 15 अगस्त से कुछ दिन पहले हुई है, जो उसका जन्मदिन भी है। इससे पहले अप्रैल में 21 दिन की फरलो और जनवरी में 30 दिन की पैरोल मिली थी। खास बात यह है कि इस बार राम रहीम को अपने सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम में रहने की अनुमति दी गई है, जबकि पिछली बार केवल उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा स्थित आश्रम में रहने की इजाजत थी।
गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को अगस्त 2017 में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया गया था और 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद पंचकूला और सिरसा में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिनमें करीब 40 लोग मारे गए थे। 2019 में राम रहीम को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में भी दोषी करार दिया गया और आजीवन कारावास की सजा मिली।
राम रहीम को मिली बार बार की रिहाई पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। पत्रकार रामचंद्र के बेटे अंशुल छत्रपति ने हर बार उसकी रिहाई का विरोध किया है। पहले पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने भी गोद ली गई बेटियों की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल देने से इनकार कर दिया था।
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राम रहीम की बार बार जेल से रिहाई को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी बहस चल रही है। विपक्ष इसे चुनावी फायदे से जोड़ रहा है, जबकि समर्थकों की ओर से इसे अध्यात्मिक सेवा से जोड़ा जाता है। इस बार 40 दिन की पैरोल ऐसे समय दी गई है जब देश में स्वतंत्रता दिवस और कई राज्य के चुनाव भी निकट हैं।
आईएएनएस इनपुट के साथ