भारत में बायोटेरर से तबाही की साजिश। इमेज-एआई।
Pakistan Bioterror Network: दिल्ली ब्लास्ट के बाद भी पूरे देश की एजेंसियां और राज्य पुलिस काफी सक्रिय हो गई। आतंकियों से जुड़ी हर कड़ी की बारीकी से जांच-पड़ताल जा रही है। इस बीच भारत में बायोटेरर फैलाने की साजिश सामने आई है। गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद और कलोल के पास हथियारों की खरीद की जानकारी के आधार पर पाकिस्तान से संचालित खतरनाक जैविक आतंक (Bioterror) साजिश का खुलासा किया है। इसके बाद सभी सुरक्षा एजेंसियों को और अलर्ट कर दिया गया है। अब मामले की जांच गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना एटीएस की संयुक्त टीम कर रही है।
दरअसल, गुजरात ATS ने रविवार को कलोल के पास से संदिग्ध आतंकी डॉ. अहमद सैयद, आजाद शेख और मो. सुहैल सलीम खान को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में अहम खुलासे हुए। तीनों से दो Glock पिस्टल, एक Beretta पिस्टल और 30 कारतूस बरामद हुए हैं। राइसिन जहर बनाने के लिए 4 लीटर केमिकल भी था। गुजरात एटीएस को जानकारी मिली थी कि ये हथियार पाकिस्तान से ड्रोन की मदद से राजस्थान बॉर्डर पर भेजे गए थे। तीनों आरोपी पाकिस्तान स्थित खुरासान प्रांत का इस्लामिक राज्य (ISIS-KP) नामक आतंकी संगठन के लिए भारत में सक्रिय थे।
गुजरात एटीएस को डॉ. अहमद सैयद के पास से कैस्टर ऑयल (एरंड का तेल) का जखीरा मिला। एरंड के बीजों से राइसिन (Ricin) नामक घातक जैविक जहर बनाया जा सकता है। यह बिना रंग और गंध का होता और खाने या पीने में मिलाकर आसानी से किसी की जान ली जा सकती है। पाकिस्तान में बैठे ISIS-KP के हैंडलर अबु खलीजा ने अहमद को ऑनलाइन चैट में राइसिन बनाने की पूरी प्रक्रिया बताई थी। एरंड के बीजों से तैयार यह जहर किसी के शरीर में चला जाए, तो 36 से 72 घंटों में मौत हो सकती है।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद एटीएस ने अहमद सैयद के हैदराबाद के राजेंद्र नगर स्थित घर पर तलाशी ली। वहां से जहरीले केमिकल तैयार करने का भारी जखीरा और कई संदिग्ध वस्तुएं बरामद हुईं। यूपी के आजाद शेख और सुहैल खान के घरों में भी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। तीनों आतंकियों के मोबाइल से 250 से अधिक फोटो और वीडियो मिले हैं। इनमें कई जगहों की रेकी की गई थी। अहमदाबाद का नरौडा फ्रूट मार्केट, लखनऊ का फ्रूट मार्केट, कश्मीर का फ्रूट मार्केट इन भीड़भाड़ वाले इलाकों को चिन्हित किया गया था। एजेंसियों को आशंका है कि आतंकी इन बाजारों में जहर या विस्फोटक फैलाकर हमले की साजिश रच रहे थे। कश्मीरी सेव की आड़ में ये अन्य राज्यों तक विस्फोटक या अन्य आतंकी सामग्री पहुंचाना चाह रहे थे।
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गुजरात एटीएस के साथ यूपी, राजस्थान और तेलंगाना एटीएस की टीमें अब मामले की गहराई से जांच कर रहीं। यह समझना है कि पाकिस्तान के हैंडलर ने भारत में यह बायोटेरर नेटवर्क कैसे तैयार किया? किन-किन राज्यों में इनके स्लीपर सेल सक्रिय हैं। गुजरात एटीएस की इस कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार ने मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर खतरा मानते हुए तमाम एजेंसियों को सतर्क किया है। प्राथमिक जांच में साफ हो चुका है कि यह साजिश पाकिस्तान से रची गई थी और भारत में जैविक आतंक मचाने की ठोस तैयारी चल रही थी।