सिकंदर के डायरेक्टर पर इस्लामोफोबिया फैलाने का आरोप!
Boycott Sikandar: सलमान खान की फिल्म सिकंदर बॉक्स ऑफिस पर वैसे ही उम्मीद से कमजोर नजर आ रही है और अब फिल्म को लेकर मुश्किलें बढ़ाने वाली खबर सामने आ रफही है फिल्म के बहिष्कार की मांग उठी है। मुंबई के एक एक्टिविस्ट ने मुसलमानों से फिल्म का बहिष्कार करने की अपील की है। एक्टिविस्ट ने फिल्म के डायरेक्टर पर इस्लामोफोबिया फैलाने का आरोप लगाया है। चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
मुंबई के वकील और एक्टिविस्ट शेख फैयाज आलम ने देशभर के मुसलमानों से सलमान खान की फिल्म सिकंदर का बहिष्कार करने की अपील की है, उनका आरोप है कि फिल्म के डायरेक्टर एआर मुरुगादॉस की फिल्म थुप्पक्की में इस्लामोफोबिया दिखाया गया है। शेख फैयाज आलम का कहना है कि इस फिल्म को देखने के लिए पैसा खर्च करने के बजाय लोगों को मुस्लिम शिक्षा, कानूनी सहायता, राजनीतिक सशक्तिकरण और गाजा के लिए दान करना चाहिए। एक ऐसे फिल्म मेकर जिनकी फ़िल्में इस्लामोफोबिया दिखती हैं, ऐसी फिल्मों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।
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इस्लामोफोबिया क्या होता है
इस्लामोफोबिया का अर्थ है इस्लाम, मुसलमानों और इस्लामी संस्कृति के प्रति अतार्किक शत्रुता, भय या घृणा, तथा इन समूहों या इनके भीतर के व्यक्तियों के प्रति सक्रिय भेदभाव दिखाना।
द फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट में शेख फैयाज आलम ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक बिल पेश होने वाला है। ऐसे में हमें इस समय यह देखना चाहिए कि नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे नेता मुसलमान के साथ खड़े होंगे या नहीं। इतना ही नहीं शेख ने इजरायली उत्पादों को भी बहिष्कार करने की बात पर जोर दिया है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सिकंदर फिल्म का बहिष्कार करने की मांग भले ही की जा रही है लेकिन इस फिल्म पर इस्लामोफोबिया फैलाने का आरोप नहीं है।