श्रेया गुप्तो (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान इन दिनों अपनी रिलीज हुई फिल्म सिकंदर को लेकर चर्चा में है। फिल्म को रिलीज हुए 6 दिन हो चुके हैं, लेकन बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पा रही है। हालांकि, फिल्म में सलमान खान के साथ रश्मिका मंदाना भी नजर आई हैं, लेकिन एक्ट्रेस के अलावा फिल्म में एक और साउथ एक्ट्रेस ने अहम भूमिका निभाई है, जिसका नाम श्रेया गुप्तो है।
दरअसल, सिकंदर में एक्ट्रेस ने नर्स की भूमिका निभाई है और श्रेया ने अपने करियर की शुरुआत तमिल फिल्मों से की थी। ऐसे में अब भाईजान के साथ काम करने को लेकर अभिनेत्री ने कई सारी बातों को लेकर खुलासा किया है।
श्रेया ने ‘सिकंदर’ का शेयर किया अनुभव
हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने बॉलीवुड में पहला रोल मिलने पर खुलकर बात की है। साथ ही एक्ट्रेस ने बताया कैसे इस किरदार के लिए पहले ऑडिशन दिया और फिर उनकी कास्टिंग हुई। श्रेया ने इंटरव्यू में कहा कि ‘यह बॉलीवुड फिल्म सेट पर मेरा पहला अनुभव है, और मैं इससे अधिक आभारी नहीं हो सकती। एआरएम के तहत, सलमान खान के साथ और नाडियाडवाला प्रोडक्शन में काम करना मेरे लिए रोमांचक था। ये बहुत बड़े नाम हैं, और इस दुनिया में कदम रखना अवास्तविक लगा।’
अभिनेत्री श्रेया ने हाल ही में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान धारावी के सेट पर काम किया। उन्होंने बताया कि जब वह सेट पर पहुंचीं, तो फिल्म का भव्य पैमाना देखकर हैरान रह गईं। प्रोडक्शन डिजाइन बहुत शानदार था और धारावी का सेट अमित रे और सत्यजीत चक्रवर्ती ने बेहद रियलिस्टिक बनाया था।
श्रेया पहले भी रजनीकांत (दरबार) और सूर्या जैसे बड़े तमिल सितारों के साथ काम कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि “हर एक्टर चाहता है कि उसका काम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। बड़े सितारों के साथ काम करने से ये मौका मिलता है। लेकिन चाहे सामने कोई नया एक्टर हो या सुपरस्टार, मेहनत और प्रोफेशनल रवैया हमेशा जरूरी होता है।”
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श्रेया की मां ने भी किया था साइड रोल
आपको बता दें, श्रेया गुप्ता की मां ने भी कभी परिवार का खर्च चलाने के लिए फिल्मों में कई साइड रोल किए थे। लेकिन श्रेया का मानना है कि इससे उन्हें इंडस्ट्री में कोई खास मदद नहीं मिली। उन्होंने आगे कहा कि “मैं झूठ नहीं बोलूंगी, इंडस्ट्री में ऑडिशन का मौका मिलना भी कई बार बाहर से आने वालों के लिए बहुत मुश्किल होता है। लेकिन यही इस सफर की सच्चाई है इसे स्वीकार कर के अपनी क्षमता के अनुसार लगातार आगे बढ़ना होता है।