रणवीर सिंह (फोटो-सोशल मीडिया)
मुंबई: रणवीर सिंह का नाम आज बॉलीवुड की पहली पंक्ति के सितारों में शुमार होता है, वो कभी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। 6 जुलाई 1985 को मुंबई के एक सिंधी हिंदू परिवार में जन्मे रणवीर बचपन से ही एक्टर बनने का सपना देखते थे। आज अपने 40वें जन्मदिन पर रणवीर सिंह उस सफर को पीछे मुड़कर देख सकते हैं, जिसमें मेहनत, जुनून और लगन की मिसालें बिखरी पड़ी हैं।
रणवीर सिंह का सपना महज एक ख्वाब नहीं था, बल्कि उनके जीवन का लक्ष्य था। उन्होंने स्कूल के समय से ही नाटकों में भाग लेना शुरू कर दिया था। कॉलेज के दौरान भी वह एक्टिंग के लिए ऑडिशन देते रहे। कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा, लेकिन रणवीर ने हार नहीं मानी। उन्होंने एक्टिंग क्लासेज जॉइन कीं और खुद को लगातार तराशते रहे।
कहते हैं कि जब किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है। रणवीर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। यशराज फिल्म्स को अपनी फिल्म बैंड बाजा बारात के लिए एक नए चेहरे की तलाश थी और रणवीर इस रोल में फिट बैठे। 2010 में आई इस फिल्म से रणवीर ने धमाकेदार डेब्यू किया और दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली। उनकी इस पहली ही फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू का अवॉर्ड भी मिला।
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रणवीर सिंह ने करियर की शुरुआत के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। गोलियों की रासलीला राम-लीला, बाजीराव मस्तानी, पद्मावत, गली बॉय, सिम्बा जैसी फिल्मों ने उनकी पहचान को और मजबूत किया। रणवीर की एनर्जी, डायलॉग डिलीवरी, डांस और स्क्रीन प्रजेंस के फैंस दीवाने हैं। आज रणवीर सिंह ना सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता माने जाते हैं, बल्कि वे यूथ आइकन भी बन चुके हैं। उनकी फैशन स्टाइल, एनर्जी और एक्टिंग स्किल्स उन्हें सबसे अलग बनाते हैं। रणवीर ने साबित कर दिया है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।