सुप्रीम कोर्ट व रणवीर इलाहाबादिया (सोर्स: सोशल मीडिया)
Ranveer Allahbadia Controversy: मशहूर यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया इन दिनों विवादों के घेरे में है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट से उनको बड़ी राहत मिली है। रणवीर इलाहाबादिया के शो पर रोक लगाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर आज यानी सोमवार को उन्हें कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने इलाहाबादिया को शर्तों के साथ पॉडकास्ट करने की इजाजत दी है। वहीं अगले आदेश तक उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने आयु प्रतिबंध (Age Restrictions) के साथ रणवीर इलाबादिया को उनका पॉडकास्ट करने की इजाजत दी है। कोर्ट ने कहा है कि उन्हें अपने शो में शालीनता बनाकर रखनी पड़ेगी। इलाहाबादिया ने अपनी याचिका में अभिव्यक्ति की आजादी और मौलिक अधिकारों का मुद्दा उठाया था। इस पर भी कोर्ट ने टिप्पणी की है।
यूट्यूबर के तर्कों पर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया के वकील से कहा कि “मौलिक अधिकार थाली में नहीं हैं, उनमें भी कुछ प्रतिबंध हैं।” हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है। साथ ही उन्हें गुवाहाटी में जांच में शामिल होने का आदेश भी दिया है। इतना ही नहीं, उच्चतम न्यायालय ने रणवीर इलाहाबादिया को ‘द रणवीर शो’ में इस मामले के बारे में बात करने से मना किया है।
रणवीर इलाहाबादिया की याचिका का विरोध करते हुए केंद्र सरकार के प्रतिनिधि यानी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इंडियाज़ गॉट लेटेंट में की गई उनकी टिप्पणी अश्लील और अनुचित है।
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया को फिलहाल विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया। और कहा कि उनके जांच में शामिल होने के बाद ही अनुमति दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि सोशल मीडिया सामग्री को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करें, सभी हितधारकों से सुझाव लें।
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बता दें कि रणवीर इलाहाबादिया ने कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गाॅट लेटेंट’ शो में विवादित बयान दिया था, जिसको लेकर पूरे देश में उनके खिलाफ एक आक्रोश देखने को मिला था।