प्राण (सोर्स- सोशल मीडिया
मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर प्राण कृष्ण सिकंदर आज भले ही दुनिया में नहीं है, लेकिन लोग आज भी उन्हें याद करते हैं। प्राण कृष्ण सिकंदर का जन्म 12 फरवरी 1920 को पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान में हुआ था। हालांकि, वह प्राण नाम से ही मशहूर हो गए। प्राण ने फिल्म इंडस्ट्री को कई यादगार फिल्में दी। एक कलाकार के रूप में उन्होंने जो छाप छोड़ी।
प्राण अक्सर बड़े पर्दे पर खलनायक के किरदार में दिखाई देते थे। कहा जाता है कि प्राण विलेन के रोल में इस कदर रम जाते थे कि लोग उन्हें असल जिंदगी में भी विलेन मानने लगे। प्राण के नाम से थर-थर कांपते थे। यहां तक कि उस दौर में बच्चों का नाम भी प्राण नहीं रखा जाता था। प्राण ने साल 1940 से साल 1947 तक हीरो की भूमिकाएं निभाईं, लेकिन इसके बाद विलेन के किरदार में फिट हो गए।
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प्राण ने 350 से अधिक फिल्मों में काम किया। इनमें खानदान, पिलपिली साहेब और हलाकू (1956) जैसी फिल्में शामिल हैं। प्राण को ‘जिद्दी’ से लोकप्रियता मिले। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बरखुरदार कहने के उनके तरीके को खासा पसंद किया गया। प्राण अक्सर शिमला जाते थे और वहां की एक रामलीला में सीता का रोल निभाते थे। इसी रामलीला में मदन पुरी राम का किरदार करते थे।
प्राण को साल 2000 में स्टारडस्ट ने ‘मिलेनियम के खलनायक’ अवॉर्ड से सम्मानित किया। वहीं, 2013 में उन्हें दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजा गया। अपने करियर में प्राण ने 350 से अधिक फिल्मों में काम किया। प्राण को तीन बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला। 1997 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट खिताब से नवाजा गया। साल 2013 में 93 की उम्र में प्राण ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
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