पीयूष पांडे (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Amitabh Bachchan Tribute Piyush Pandey: विज्ञापन जगत की दुनिया में अपनी क्रिएटिविटी से अमिट छाप छोड़ने वाले पीयूष पांडे का 24 अक्टूबर को निधन हो गया। 70 वर्षीय पीयूष ने मुंबई में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से किसी संक्रमण से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर ने न केवल विज्ञापन जगत, बल्कि पूरे फिल्म उद्योग को भी गहरे शोक में डूबा दिया है।
दरअसल, मुंबई में आयोजित उनके अंतिम संस्कार में सिनेमा और विज्ञापन जगत के कई दिग्गज शामिल हुए। अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, और फिल्ममेकर आर. बाल्की जैसे सितारों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें अमिताभ और अभिषेक हाथ जोड़कर सभी को प्रणाम करते नजर आ रहे हैं। वहीं, पीयूष की भतीजी और अभिनेत्री-लेखिका इशिता अरुण भी परिवार और दोस्तों संग शोक व्यक्त करती दिखाई दीं।
पीयूष पांडे भारतीय विज्ञापन जगत के ऐसे शख्स थे जिन्होंने ब्रांड्स को एक नई पहचान दी। उन्होंने फेविकोल, कैडबरी, और अबकी बार मोदी सरकार जैसे यादगार कैंपेन लिखे, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं। यही नहीं, उनके आवाज में बना देशभक्ति गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ आज भी लोगों के दिलों को छूता है।
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर उन्हें याद करते हुए लिखा, “एक रचनात्मक प्रतिभा, एक मिलनसार मित्र और मार्गदर्शक… हमें छोड़कर चले गए। उनके कार्य सदा उनकी रचनात्मकता का प्रतीक बने रहेंगे। स्तब्ध हूं, निशब्द हूं।”
पीयूष ने अपने करियर की शुरुआत 27 साल की उम्र में की थी। उन्होंने अपने भाई प्रसून पांडे के साथ मिलकर विज्ञापन जगत में कदम रखा। दोनों ने रेडियो जिंगल्स से शुरुआत की और 1982 में ओगिल्वी इंडिया से जुड़ गए। अपनी प्रतिभा के दम पर पीयूष ने 1994 में कंपनी के बोर्ड में जगह बनाई और बाद में ओगिल्वी के कार्यकारी चेयरमैन बने।
ये भी पढ़ें- हिट एंड रन मामले में कन्नड़ अभिनेत्री दिव्या सुरेश पर आरोप, बेंगलुरु पुलिस करेगी पूछताछ
आपको बता दें, उनकी क्रिएटिविटी और प्रभाव को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। वहीं, 2024 में उन्हें LIA लीजेंड अवॉर्ड से नवाजा गया। फिलहाल अब पीयूष पांडे की रचनाएं, उनके विचार और उनकी आवाज आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर रहेंगी। उनके अचानक यूं जाने से भारतीय विज्ञापन जगत को बड़ा झटका लगा है, लेकिन उनकी बनाई हुई यादें और क्रिएटिव कैंपेन हमेशा जीवित रहेंगे।