नवाजुद्दीन सिद्दीकी (फोटो- सोशल मीडिया)
मुंबई: बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘कोस्टाओ’ को लेकर सुर्खियों में हैं, लेकिन हाल ही में वह एक अलग ही कारण से चर्चा में रहे। शुक्रवार को जब नवाजुद्दीन मीडिया के सामने आए तो उन्होंने अपने हाथ पर काली पट्टी बांध रखी थी, जो एक प्रतीकात्मक शोक और एकजुटता का संदेश दे रही थी।
यह काली पट्टी 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने और उनके परिवारों के प्रति समर्थन व्यक्त करने का संकेत थी। इस हमले में सुरक्षाकर्मियों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान नवाजुद्दीन ने कहा कि यह घटना हमारे दिमाग से जा ही नहीं रही। इसके लिए हमारे अंदर बहुत गुस्सा है, बहुत पीड़ा है।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी का चेहरा गंभीरता से भरा हुआ था, जो दर्शा रहा था कि यह विषय उनके लिए कितना संवेदनशील है। जब उनसे पूछा गया कि इस गुस्से को कैसे नियंत्रित किया जाए, तो नवाजुद्दीन ने बहुत संयमित स्वर में जवाब दिया कि हम गुस्से में हैं, लेकिन हम क्या कर सकते हैं? हमें अपनी सरकार पर भरोसा है। वे इस पर पहले से काम कर रहे हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा।
इस बातचीत के दौरान नवाजुद्दीन ने जिस तरीके से संवेदनशीलता और संयम दोनों का परिचय दिया, वह प्रशंसनीय है। जहां एक ओर उनका शोक प्रतीक के रूप में काली पट्टी बांधना एक सशक्त संदेश है, वहीं उनका संयम और सरकार पर विश्वास लोगों में सकारात्मकता फैलाने का कार्य करता है। नवाजुद्दीन का यह भावुक लेकिन संतुलित दृष्टिकोण बताता है कि सेलिब्रिटी होने के बावजूद वे आम नागरिक की भावना से जुड़े हुए हैं।
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नवाजुद्दीन सिद्दीकी का यह कदम सोशल मीडिया पर भी सराहना बटोर रहा है, जहां प्रशंसक उन्हें न सिर्फ एक शानदार अभिनेता, बल्कि एक ज़िम्मेदार नागरिक भी बता रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने अपनी फिल्म ‘कोस्टाओ’ के बारे में ज्यादा बात नहीं की, जिससे यह स्पष्ट था कि उनका पूरा ध्यान इस समय देश के हालात पर केंद्रित है।