जॉली एलएलबी 3 फिल्म रिव्यू: कोर्ट रूम ड्रामा और इंसाफ की लड़ाई, जीत हार से परे है फिल्म की कहानी
Movie Review: अक्षय कुमार और अरशद वारसी की बहुचर्चित फिल्म जॉली एलएलबी 3 सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म को जनता का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। चलिए जानते हैं पिछली दो फिल्मों के मुकाबले यह फिल्म कैसी है और इसमें कलाकारों ने कैसा प्रदर्शन किया है।
जॉली एलएलबी 3 फिल्म में कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय का परिचय दिया है। सभी ने अपनी एक्टिंग बखूबी की है। फिल्म का डायरेक्शन भी ठीक-ठाक है और कहानी भी बढ़िया है। लेकिन पूरी फिल्म में कॉमिक एलिमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया गया, यह कहा जा सकता है, जो फिल्म के फर्स्ट और सेकंड हाफ में इमोशंस और जज्बातों पर हावी होती नजर आई है। कहानी दर्शकों को बांधे रखने के लिए विवश करती है और यह फिल्म सिनेमा घर जाकर देखने लायक फिल्म है।
कहानी: अक्षय कुमार और अरशद वारसी की फिल्म जॉली एलएलबी 3 की कहानी हीरालाल (गजराज राव) नाम के बिजनेसमैन के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसने व्यापार का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया है, लेकिन इस भ्रष्ट व्यापारी की अनैतिक नीतियां किसानों के लिए घातक साबित होने लगती है। किसानों को बड़े-बड़े सपने दिखाए जाते हैं और उन्हें बेवकूफ बनाया जाता है। इसी बीच एक किसान की पूरी जिंदगी हीरालाल की वजह से तबाह हो जाती है। किसान सुसाइड कर लेता है, हीरालाल और उसके गुंडे यह बताने का प्रयास करते हैं कि उसने अपनी बहू के साथ अनैतिक संबंध की वजह से आत्महत्या की है। उसके बाद उसकी बहू भी आत्महत्या कर लेती है। परिवार में अकेली बची सास (किसान की विधवा) हीरालाल से लड़ने का निर्णय लेती है और वह दिल्ली में मौजूद वकील जॉली (अरशद वारसी) के पास पहुंच जाती है, दिल्ली में दो जॉली दिखाए गए हैं अरशद वारसी हीरालाल के खिलाफ केस लड़ने का निर्णय लेता है और दूसरा जॉली (अक्षय कुमार) हीरालाल के लिए केस लड़ने के लिए खड़ा होता है। मतलब कोर्ट रूम में पहली बार अक्षय कुमार और अरशद वारसी आमने-सामने होते हैं। लेकिन जब अक्षय कुमार को कहानी की हकीकत पता चलती है, तो वह भी
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एक्टिंग: गजराज राव ने अपनी एक्टिंग से सभी का दिल जीता है, तो वहीं अक्षय कुमार, अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला ने उम्मीद के मुताबिक जबरदस्त एक्टिंग का परिचय दिया है। बाकी के कलाकार भी अपनी अपनी एक्टिंग में बेहतरीन अभिनय करते हुए नजर आए हैं।
डायरेक्शन: सुभाष कपूर ने फिल्म का डायरेक्शन किया है और उन्होंने फिल्म की कहानी को कुछ इस तरह से पेश किया है कि दर्शक आखिरी सीन तक खुद को सीट से बांधे रखने के लिए विवश रहते हैं, लेकिन फिल्म की एक कमजोरी यह भी है कि कॉमिक एलिमेंट को इतना बढ़ा दिया गया है कि फिल्म में कई बार सीरियसनेस की कमी नजर आती है, सिर्फ क्लाइमैक्स के मौके पर फिल्म में सीरियसनेस अपने चरम पर दिखता है।
संगीत: फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक जबरदस्त है और गीत संगीत भी लोगों को आकर्षित करने वाला है। पिछली 2 फिल्मों के मुकाबले इस फिल्म में भी गीत संगीत पर काफी मेहनत की गई है।
सिनेमैटोग्राफी: फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और स्क्रीनप्ले भी ठीक-ठाक है बैकग्राउंड के साथ स्क्रीनप्ले का तालमेल गजब का है और यही फिल्म की रोचकता को बढ़ाता है।
क्यों देखें फिल्म: अगर आपने जॉली एलएलबी और जॉली एलएलबी 2 फिल्म देखी है, तो इस फिल्म को भी आप इंजॉय करेंगे। पिछली दो किस्तों के मुकाबले जॉली एलएलबी 3 फिल्म कि अगर बात करें तो यह भी वैसे ही फिल्म है, ना उससे ज्यादा बेहतर ना उससे खराब।