अमिताभ बच्चन और गोविंदा (सौ. सोशल मीडिया)
मुंबई: 1998 में रिलीज़ हुई फिल्म बड़े मियां छोटे मियां आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे यादगार कॉमेडी फिल्मों में गिनी जाती है। डेविड धवन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में पहली बार दो दिग्गज कलाकार अमिताभ बच्चन और गोविंदा एक साथ स्क्रीन पर नजर आए। जहां एक ओर दर्शकों ने दोनों की जोड़ी को खूब सराहा, वहीं बहुत कम लोग जानते हैं कि गोविंदा शुरुआत में इस फिल्म को करने के लिए तैयार नहीं थे।
दरअसल, 1993-94 के आसपास गोविंदा अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे थे। परिवार में लगातार हुई दुखद घटनाओं और निजी शोक के चलते वे किसी भी नई फिल्म को करने की मानसिक स्थिति में नहीं थे। जब निर्देशक डेविड धवन ने उन्हें बड़े मियां छोटे मियां की कहानी सुनाई, तो गोविंदा ने साफ इनकार कर दिया। उन्हें अभिनय से कुछ समय का ब्रेक चाहिए था।
लेकिन तब एक अप्रत्याशित मोड़ आया। खुद अमिताभ बच्चन गोविंदा के घर पहुंचे और उनसे व्यक्तिगत रूप से इस फिल्म में काम करने का आग्रह किया। बिग बी की विनम्रता और आग्रह को देखकर गोविंदा मना नहीं कर सके। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी तबीयत और कार्यशैली शायद अमिताभ जी के अनुशासन से मेल न खा सके। मगर जब अमिताभ ने भरोसा दिलाया कि वे उन बातों को नजरअंदाज करेंगे, तो गोविंदा ने फिल्म साइन कर ली।
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फिल्म की शूटिंग के दौरान गोविंदा ने एक नई गंभीरता के साथ काम किया। उन्होंने बिना स्क्रिप्ट पढ़े और बिना रिहर्सल किए सीन किए, लेकिन उनकी प्रतिभा ने हमेशा की तरह जादू दिखाया। सुबह चार बजे सेट पर पहुंचना और समय का ध्यान रखना, ये सब उन्होंने अमिताभ बच्चन के सम्मान में किया। बड़े मियां छोटे मियां बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही और दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ गई। यह फिल्म केवल मनोरंजन का साधन नहीं रही, बल्कि यह भी साबित कर गई कि जब दो कलाकार एक-दूसरे के प्रति सम्मान और समर्पण से काम करते हैं, तो सिनेमा का स्तर नई ऊंचाइयों तक पहुंचता है।