पवन सिंह ने तोड़ी चुप्पी: 'ज्योति सिंह का प्यार चुनाव से पहले क्यों नहीं आया?'
Pawan Singh Comment On Jyoti Singh: भोजपुरी फिल्मों के पावर स्टार और भाजपा नेता पवन सिंह अपनी पत्नी ज्योति सिंह के साथ चल रहे विवाद को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में, ज्योति सिंह उनसे सुलह करने की कोशिश में लखनऊ स्थित उनके घर पहुंची थीं और वहां जमकर हंगामा किया था। सोशल मीडिया पर लाइव आकर उन्होंने पवन सिंह पर जबरन पुलिस बुलाने और उन्हें परेशान करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। अब, पवन सिंह ने इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावी टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं।
पवन सिंह ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ज्योति सिंह का यह ‘अपनापन’ बिहार चुनाव से पहले ही क्यों दिखा? उन्होंने बताया कि जब उन्हें ज्योति के लखनऊ आने की खबर मिली, तब उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और वह एक मीटिंग में व्यस्त थे। उन्होंने उनसे किसी और दिन आने को कहा था, लेकिन इसके बावजूद वे आईं और घर पर हंगामा हुआ। पवन सिंह ने सीधे तौर पर ज्योति सिंह की कोशिशों को राजनीतिक महत्वाकांक्षा से जोड़ा है।
पवन सिंह ने ज्योति सिंह के इस कदम को सीधे तौर पर उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से जोड़ दिया। उन्होंने खुलासा किया कि ज्योति के पिता ने उनसे कहा था कि वह उनकी बेटी को विधायक बना दें। पवन सिंह ने कहा, “मैंने कहा, ‘ये हमारे बस की बात नहीं। आप विधायक बनने के लिए इस हद तक जा सकती हैं, सोचा नहीं था।'” उन्होंने यह भी कहा कि ज्योति सिंह ने यह सारा ड्रामा उनकी गृह मंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात के तुरंत बाद किया है। पवन सिंह ने मीडिया से कहा कि वे उनकी नेताओं से मुलाकात और उसके बाद ज्योति के ‘कार्यक्रम’ को देखें, तो उन्हें सब समझ आ जाएगा।
अभिनेता पवन सिंह ने स्पष्ट किया कि उनका और ज्योति सिंह का तलाक का केस अभी कोर्ट में है। उन्होंने कहा कि कानून दोनों के लिए मायने रखता है और इस मामले में उनकी काफी बदनामी हो चुकी है। उनका मानना है कि अब इस मामले में शायद ही कुछ हो पाए, क्योंकि यह पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत है। पवन सिंह के इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि वह अब इस रिश्ते में सुलह की कोई गुंजाइश नहीं देखते हैं और तलाक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
पवन सिंह की सुरक्षा को लेकर भी हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया गया है। उन्हें Y+ कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई है, जिसका सीधा मतलब है कि अब उनके साथ 24 घंटे हथियारों से लैस कमांडो तैनात रहेंगे। इस सुरक्षा घेरे में केंद्रीय बलों के कमांडो और PSO सहित कुल 11 से 12 सुरक्षाकर्मी शामिल होंगे। यह सुरक्षा उन्हें आईबी की रिपोर्ट के आधार पर दी गई है, जिसमें उनकी जान को खतरा बताया गया था। यह हाई-प्रोफाइल सुरक्षा ऐसे समय में मिली है जब वह बिहार चुनाव में अपनी उम्मीदवारी को लेकर सुर्खियों में हैं।