Anurag Kashyap के बयान पर अब एकता कपूर ने पोस्ट के जरिए कसा तंज, हंसल मेहता को टैग कर कही ये बात
मुंबई: फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप पिछले कुछ वक्त से बॉलीवुड छोड़ने से लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर किए सवाल को लेकर चर्चा में है। हालांकि, फिल्म डायरेक्टर का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ हैं। जिसके बाद एकता कपूर ने तंज कसते हुए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है और इसमें अनुराग कश्यप और हंसल मेहता को टारगेट किया है।
दरअसल, नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज ‘एडोलेसेंस’ रिलीज हुई है। लेकिन जब से ये शो ओटीटी पर स्ट्रीम हुआ इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। खुद अनुराग कश्यप ने सीरीज की तारीफ की थी और सोशल मीडिया पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट भी शेयर किया था। पोस्ट में अनुराग कश्यप ने शो में लीड रोल निभा रहे ओवेन कूपर की खूब तारीफ की थी। साथ ही हंसल मेहता भी इस 4 एपिसोड वाली मिनी सीरीज के दीवाने हो गए थे। दोनों शो के माध्यम से बॉलीवुड पर तंज कसा था जो शायद एकता कपूर को खास पसंद नहीं आया।
एकता ने इंस्टाग्राम पर किया पोस्ट
अब एकता कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर स्टोरी शेयर करते हुए हसंल मेहता और लिखा कि “पैसों से ज्यादा अगर आर्ट पर फोकस किया जाए तो हमारा सिनेमा भी किसी हॉलीवुड सीरीज से कम नहीं।”
पोस्ट में एकता लिखती हैं कि जब इंडियन क्रिएटर्स इस बात पर रोते हैं कि इंडियन कॉन्टेंट में अब दम नहीं रहा है, तो उन्हें बहुत बुरा लगता है। वे लोग इंटरनेशनल टीवी सीरीज और फिल्मों की तारीफ करते हैं। फिल्म डायरेक्टर सोच में पड़ जाती हैं कि अगर वो लोग ऐसा करते हैं तो क्या ये उनका ईगो है, या गुस्सा। यहा कहा जाए कि वो अपने दिमाग में गलत धारणा हमारे सिनेमा को लेकर बनाते जा रहे हैं। वो आगे कहती हैं।
“जब ‘सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव’ और मेरे जिगरी दोस्त हंसल मेहता की फिल्म ‘बकिंघम पैलेस’ थिएटर्स में चल नहीं पाईं तो क्या हम यहां सही चीज को दोष दे सकते हैं? ऑडियंस की वजह से ये फिल्में नहीं चल पाईं। मगर ये भी बात है कि इसमें रियल लोग भी आते हैं जो कॉन्टेंट को पसंद करते हैं, लेकिन जब हम ऑडियंस को दोष देते हैं तो उसमें वो लोग भी पिस जाते हैं, जिन्हें फिल्म पसंद आई।”
मनोरंजन से जुड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
हंसल मेहता और अनुराग कश्यप को कसा तंज
द साबरमती रिपोर्ट की निर्देशक ये भी कहती हैं कि इंडिया का सबसे बड़ा हिस्सा विकासवादी चरण पर है। जैसी ही बात कॉन्टेंट की बात होती है चो जज करने के लिए मुझे लगता है लोग अपने बचपन में ही जा रहे हैं। एकता का मानना है कि चीजें बहुत आगे बढ़ चुकी हैं और बदल गई हैं। क्रिएटर्स कहते हैं कि हमें सिस्टम से लड़ाई करनी चाहिए।
पैसों पर बात करते हुए एकता ने आगे कहा कि “कॉर्पोरेट स्टूडियो और एप्स, हर कोई केवल अपने पैसे बनाने पर ध्यान देता है और मैं खुद भी इसमें शामिल हूं। स्टूडियोज और एप्स, मनोरंजन को इंडस्ट्री के रूप में देखते हैं। फिल्म बनाना और कॉन्टेंट क्रिएट करना, बिजनेस नहीं होता। ये एक आर्ट होती हैं और मैं इस आर्ट को सपोर्ट करना चाहती हूं। मैं उन सभी क्रिएटर्स से गुजारिश करती हूं कि वो खुद का पैसा इस्तेमाल करें। परेशानी ही खत्म हो जाएगी।”