डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा ऐलान (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Donald Trump Tariff On Film: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयानों से हलचल मचा दी है। इस बार उन्होंने फिल्म उद्योग को निशाना बनाया है। ट्रंप ने दावा किया है कि वे अमेरिका के बाहर बनी सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि विदेशी फर्नीचर आयात पर भी भारी शुल्क लगाया जाएगा।
ट्रंप का कहना है कि फिल्म निर्माण का व्यवसाय धीरे-धीरे अमेरिका से बाहर चला गया है, जिससे देश की फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कैलिफोर्निया का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की फिल्म इंडस्ट्री विशेष रूप से प्रभावित हुई है और इसके लिए उन्होंने राज्य के गवर्नर की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “कैलिफोर्निया अपने कमजोर गवर्नर के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसलिए अब मैं अमेरिका के बाहर बनने वाली हर फिल्म पर 100% टैरिफ लगाने का फैसला करूंगा।”
इतना ही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने फर्नीचर उद्योग का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि नॉर्थ कैरोलाइना का फर्नीचर बिजनेस चीन और अन्य देशों के हाथों चला गया है। अब वे उन देशों से आने वाले फर्नीचर पर भी टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे हैं, जो अमेरिका में उत्पादन नहीं करते।
हालांकि, ट्रंप ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह टैरिफ किस तरह लागू होगा। क्या यह डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स, इंटरनेशनल को-प्रोडक्शन या थिएटर रिलीज़ पर भी लागू होगा, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन इतना तय है कि यह कदम उनकी ‘मेड इन अमेरिका’ नीति का हिस्सा है, जिसे वे लंबे समय से आगे बढ़ाते आ रहे हैं।
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अगर अमेरिका में विदेशी फिल्मों पर टैरिफ लगाया गया, तो इसका असर दर्शकों की पसंद और ग्लोबल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर पड़ सकता है। आज के समय में हॉलीवुड दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिकी दर्शकों में कोरियन ड्रामा, चीनी एक्शन मूवीज और भारतीय फिल्मों का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। खासकर कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में, जहां विभिन्न देशों के समुदाय रहते हैं, विदेशी फिल्मों की मांग लगातार बढ़ी है।
फिल्म व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह नीति लागू होती है, तो विदेशी फिल्मों की लागत अमेरिका में दोगुनी हो सकती है, जिससे उनका प्रदर्शन मुश्किल हो जाएगा। वहीं, अमेरिकी फिल्म उद्योग को घरेलू स्तर पर फायदा मिल सकता है।