
2025 में कोर्ट, बैन और विरोध झेलने वाली टॉप 10 कॉन्ट्रोवर्शियल फिल्में
Controversial Films in Year 2025: मनोरंजन के लिहाज से साल 2025 जितना शानदार रहा, उतना ही यह विवादों से भरा भी रहा। इस साल बॉलीवुड से लेकर साउथ सिनेमा तक कई बड़ी फिल्में रिलीज हुईं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर तो कमाल किया, लेकिन रिलीज़ से पहले या बाद में उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, या प्रोपेगेंडा फैलाने जैसे आरोपों के चलते कई फिल्मों पर बैन लगाने की मांग हुई, कोर्ट में मामले दर्ज हुए और कुछ को सेंसर बोर्ड से कट भी झेलने पड़े।
साल 2025 की वो प्रमुख फ़िल्में जिन्होंने सबसे ज़्यादा हो-हल्ला मचाया, उनकी सूची यहाँ दी गई है।
| फ़िल्म का नाम | रिलीज़ की तारीख | विवाद का मुख्य कारण |
| इमरजेंसी (Emergency) | 17 जनवरी | ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़, सिख संगठनों का विरोध (इंदिरा गांधी का किरदार) |
| छावा (Chhaava) | 14 फरवरी | छत्रपति संभाजी महाराज का विवादित डांस सीक्वेंस, इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप |
| फुले (Phule) | 25 अप्रैल | ब्राह्मण समुदाय को गलत तरीके से पेश करना, रिलीज़ टली और सेंसर कट्स |
| जाट (Jaat) | 10 अप्रैल | चर्च सीन से ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत, सीन हटाया गया |
| हरि हर वीरा मल्लू | 24 जुलाई | मुदिराज समुदाय द्वारा ऐतिहासिक विरासत से छेड़छाड़ का आरोप |
| उदयपुर फाइल्स | 8 अगस्त | नफरत फैलाने और मुस्लिम समुदाय को गलत दिखाने का आरोप, दिल्ली HC ने रोक लगाई (कान्हैयालाल हत्याकांड) |
| द बंगाल फाइल्स | 5 सितंबर | प्रोपगैंडा और हिंदू नरसंहार को गलत तरीके से दिखाने का आरोप, बंगाल में विरोध |
| अबीर गुलाल | 12 सितंबर (भारत में बैन) | पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान होने के कारण रिलीज़ पर रोक लगी |
| द ताज स्टोरी | 31 अक्टूबर | ताजमहल को लेकर झूठे दावे करने का आरोप, PIL दायर हुई |
| धुरंधर (Dhurandhar) | 5 दिसंबर | मेजर मोहित शर्मा के परिवार ने बिना अनुमति फ़िल्म बनाने का आरोप लगाया, कोर्ट केस हुआ |
ऐतिहासिक विवाद: ‘इमरजेंसी’, ‘छावा’, ‘फुले’ और ‘हरि हर वीरा मल्लू’ जैसी फ़िल्में इतिहास से जुड़े पात्रों और घटनाओं के चित्रण को लेकर आलोचना का शिकार हुईं। ‘छावा’ को विवादित डांस सीक्वेंस हटाना पड़ा, जबकि ‘फुले’ की रिलीज़ डेट टल गई।
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धार्मिक/सामुदायिक विरोध: ‘जाट’ में एक चर्च सीन को लेकर ईसाई समुदाय नाराज़ हुआ, वहीं ‘फुले’ में ब्राह्मण समुदाय के चित्रण पर आपत्ति जताई गई। ‘उदयपुर फाइल्स‘ पर हेट स्पीच फैलाने के आरोप लगे।
प्रतिबंध और कानूनी अड़चनें: ‘अबीर गुलाल‘ पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकार के कारण भारत में रिलीज़ नहीं हो पाई। वहीं, ‘उदयपुर फाइल्स’ पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई। ‘धुरंधर’ के मेकर्स को मेजर मोहित शर्मा के परिवार के विरोध के कारण कोर्ट जाना पड़ा, हालाँकि इसे काल्पनिक बताकर क्लियर कर दिया गया।
प्रोपेगैंडा का आरोप: विवेक रंजन अग्निहोत्री की ‘द बंगाल फाइल्स’ पर भी ‘प्रोपगैंडा’ फैलाने के आरोप लगे, जिसने पश्चिम बंगाल में कड़ा विरोध झेला।
साल 2025 ने साबित कर दिया कि भारतीय दर्शक सिनेमा को मनोरंजन से कहीं ज़्यादा समझते हैं, और फ़िल्मों में किसी भी तरह की ऐतिहासिक या धार्मिक छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेंगे।






