अमरीश पुरी को ‛मोगैम्बो खुश हुआ’ डायलॉग से मिली अलग पहचान
मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर विलेन अमरीश पुरी की 12 जनवरी यानी आज डेथ एनिवर्सरी है। अमरीश पुरी का निधन 12 जनवरी 2005 को कैंसर की वजह हुआ था। अमरीश पुरी का जन्म पंजाब के नवांशहर में 22 जून, 1932 को हुआ था। अभिनेता के बड़े भाई मदन पुरी और चमन पुरी हिंदी इंडस्ट्री से जुड़े हुए थे यही वजह है कि अमरीश पुरी भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की ओर आकर्षित हुए।
अमरीश पुरी ने अपने एक्टिंग करियर में हिंदी के अलावा कन्नड़, तेलुगू, मराठी, पंजाबी, मलयालम फिल्मों में भी काम किया। साल 1987 में रिलीज हुई ‘मिस्टर इंडिया’ फिल्म उनके लिए नया मोड़ साबित हुआ था। इस फिल्म का उनका डायलॉग ‛मोगैम्बो खुश हुआ’ खूब पॉपुलर हुआ। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म सुपरहिट रही थी। अमरीश पुरी जब फिल्म में गुस्से में कहते थे ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ सभी शांत हो जाते थे, एक्टर का ये अदांज दर्शकों को बहुत पसंद आया था।
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अमरीश पुरी ने साल 1967 से लेकर 2005 के बीच 450 फिल्मों में काम किया है। इन सभी फिल्मों में उन्होंने बेहतरीन अभिनय कर अपने नाम का लोहा मनवाया है। अमरीश पुरी जब भी बड़े परदे पर आए हैं, उन्होंने दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ी है। आपको जानकार हैरानी होगी कि बॉलीवुड के खलनायक अमरीश पुरी अपने पहले स्क्रीन टेस्ट में असफल रहे थे। जिस वजह से उन्हें फिल्मों में काम नहीं मिला।
अमरीश पुरी ने रोजी-रोटी के लिए एम्प्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एंप्लॉयमेंट में नौकरी की। इसके बाद अमरीश पुरी ने नौकरी के साथ-साथ पृथ्वी थिएटर में काम करना शुरू कर दिया। फिर साल 1971 में रिलीज हुई फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ से उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत हुई। इसके बाद अभिनेता ‘करन अर्जुन’, ‘कोयला’, ‛हम पांच’, ‛विधाता’, ‘विरासत’, ‘दामिनी’, ‘बादशह’, ‘सौदागर’ और ‘गदर एक प्रेम कथा’ जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करते दिखाई दिए।
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