अमिताभ बच्चन (फोटो- सोशल मीडिया)
Amitabh Bachchan Award : बॉलीवुड में अगर किसी शख्सियत ने चार दशकों से भी अधिक समय तक अपनी पहचान को कायम रखा है, तो वह नाम है अमिताभ बच्चन। 1969 में ‘सात हिंदुस्तानी’ से फिल्मों में कदम रखने वाले इस लंबे-चौड़े नौजवान को उस समय शायद ही किसी ने गंभीरता से लिया हो। लेकिन आने वाले समय में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया, उसने उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सितारा बना दिया।
इसी योगदान को देखते हुए, 10 सितंबर 2001 को मिस्र के अलेक्जेंड्रिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अमिताभ बच्चन को ‘सदी के अभिनेता’ के खिताब से नवाजा गया। यह सम्मान सिर्फ अमिताभ के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा के लिए एक गौरव का क्षण था। अमिताभ का करियर ‘सात हिंदुस्तानी’ से शुरू हुआ, लेकिन असली पहचान उन्हें 1973 में आई फिल्म ‘जंजीर’ से मिली। इंस्पेक्टर विजय खन्ना का उनका किरदार इतना प्रभावी था कि उन्हें बॉलीवुड का पहला ‘एंग्री यंग मैन’ कहा जाने लगा।
अमिताभ बच्चन को ‘दीवार’, ‘शोले’, ‘डॉन’, ‘त्रिशूल’, ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी फिल्मों ने सुपरस्टार के रूप में स्थापित कर दिया। जहां एक ओर अमिताभ सफलता की बुलंदियों पर थे, वहीं मुश्किलें भी आईं। 1982 में फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान उन्हें गंभीर चोट लगी। उस वक्त पूरे देश ने उनके स्वस्थ होने के लिए दुआएं कीं। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि वह केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की धड़कन बन चुके हैं।
साल 2000 में अमिताभ बच्चन ने टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से छोटे पर्दे पर कदम रखा। इस शो ने उन्हें नए युग का सितारा बना दिया और युवा पीढ़ी के बीच भी लोकप्रिय कर दिया। इसके बाद उन्होंने ‘मोहब्बतें’, ‘बागबान’, ‘ब्लैक’, ‘पा’, ‘पिंक’ और ‘शमिताभ’ जैसी फिल्मों में अपनी उम्र और अनुभव के अनुसार दमदार भूमिकाएं निभाईं।
ये भी पढ़ें- एक साथ चार कंटेस्टेंट्स नॉमिनेट, अमाल मलिक का इमोशनल मोमेंट
मिस्र में मिला ‘सदी के अभिनेता’ का खिताब उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। वहां मौजूद दर्शकों और समीक्षकों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया और भारतीय सिनेमा की उपलब्धियों को सलाम किया। इसके अलावा, अमिताभ बच्चन को भारत सरकार की ओर से पद्म श्री (1984), पद्म भूषण (2001) और पद्म विभूषण (2015) से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भी मिल चुका है, जो भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है।