विनोद तावडे व अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में 288 विधनासभा सीटों के लिए 20 नवंबर को चुनाव होना है। वहीं 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव में राज्य में दो प्रमुख गठबंधन है। एक तरफ महायुति तो दूसरी ओर महा विकास अघाड़ी। महायुति में बीजेपी के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है। महायुति में अजित पवार को और बीजेपी के बीच कई सीटों पर टकराव के खबरों के बीच भाजपा महासचिव विनोद तावडे का बड़ा बयान सामने आया है।
70 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार को साथ लेने के कारण बीजेपी की पहले ही काफी किरकिरी हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ा है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अपनी कुछ सीटों के साथ-साथ उम्मीदवार भी अजित पवार की एनसीपी को देने पड़े।
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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे ने अजित पवार को महायुति में शामिल करने को लेकर बड़ा खुलासा किया है। तावडे ने रविवार को एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि मजबूत निर्णय के लिए मजबूत सरकार की जरूरत होती है और इसके लिए हमने अजित पवार के अपने साथ लिया।
विधानसभा चुनाव के दौरान अजित के हिस्से में आई दर्जन भर सीटों के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवार दिए हैं। इस पहेली के बारे में तावडे ने कहा कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायकों की संख्या 140 से 150 तक थी। यानी कि महायुति के पास बहुमत तो ता लेकिन अजित के 40-42 विधायक साथ आने से सरकार मजबूत हुई। इससे लाडली बहन, किसानों का शून्य बिल जैसे बड़े निर्णय लेने में सहूलियत बढ़ गई।
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बीजेपी महासचिव विनोद तावडे ने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार 90 से 100 सीटों पर आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। इसी तरह शिंदे की शिवसेना के लगभग 40 उम्मीदवार जीत जाएंगे। दूसरी तरफ अजित के भी 20 से 25 विधायक जीत हासिल कर ही लेंगे। इस तरह से कुल मिलाकर महायुति की 155 से 160 सीट हो जाएगी।