कैश जब्त (सौजन्य-नवभारत)
पिंपरी: चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही विधानसभा क्षेत्रों में जगह-जगह टीमें निरीक्षण कर रही हैं। तलेगांव दाभाडे पुलिस ने मावल तहसील के सोमाटने में एनसीपी अजित पवार गुट के पूर्व उपसरपंच के कार्यालय पर छापा मारा है।
पुलिस ने छापा मारकर 36 लाख 90 हजार 500 हजार नकद जब्त किए। इसके बाद रविवार (10 तारीख) को आयकर विभाग ने घर की तलाशी में करीब 12 लाख रुपये जब्त किए। इस कार्रवाई से मावल तहसील में हड़कंप मच गया है।
नकदी जब्त करने वाले पूर्व उपसरपंच का नाम सचिन शाबू मुर्हे (निवासी सोमाटने, चौरईनगर) है। सचिन मुऱ्हे एनसीपी अजित पवार गुट के पदाधिकारी हैं। वहीं उनकी पत्नी तीन साल पहले ग्राम पंचायत सदस्य थीं। मुऱ्हे के पास जमीन और स्टील का कारोबार भी है।
तलेगांव दाभाडे पुलिस को मुर्हे के सोमाटने स्थित कार्यालय में बड़ी मात्रा में नकदी होने की जानकारी मिली थी। तदनुसार, तालेगांव पुलिस और भरारी टीम द्वारा मुर्हे के कार्यालय पर छापा मारा गया। इस कार्रवाई में कार्यालय में 36 लाख 90 हजार 500 रुपये की नकदी मिली। जब मुर्हे राशि के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सका तो नकदी जब्त कर ली गई।
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पुलिस ने इसकी सूचना चुनाव निर्णय अधिकारी और आयकर विभाग को दे दी। विधायक सुनील शेलके मावल विधानसभा क्षेत्र में राकांपा अजित पवार समूह के उम्मीदवार हैं। इससे मुर्हे से बरामद नकदी की सही पहचान को लेकर चर्चा छिड़ गयी है। यह पैसा किसका और कहां इस्तेमाल होने वाला था इससे लेकर विपक्ष सवाल उठा रहे है।
सोमाटने के एक उद्यमी सचिन मुऱ्हे ने बताया है कि विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तालेगांव पुलिस स्टेशन की भरारी टीम पर मेरे कार्यालय से जो 36 लाख रुपये नकद जब्त करने का दबाव डाला था, वह मेरा व्यवसाय का पैसा है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं विधायक सुनील शेलके के लिए काम कर रहा हूं।
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