मुंबई सीट (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के लिए उम्मीदवारी अर्ज दाखिल करने की मियाद खत्म हो चुकी है। इस चुनाव में सियासी गठबंधनों के कारण सियासी दलों को उम्मीदवारों के चयन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। बगावत की आशंका के कारण न चाहते हुए भी उम्मीदवारों की घोषणा में देरी की गई।
इसके बाद भी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता कई सीटों पर पर बगावत रोकने में नाकाम सिद्ध हुए हैं। फिलहाल नामांकन दर्ज करने की प्रक्रिया खत्म हो गई है तथा चुनाव आयोग वैध नामांकनों की जांच के बाद बुधवार को राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर कुल उम्मीदवारों की वास्तविक संख्या और नाम घोषित करेगा।
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों को नाम वापसी के लिए 4 नवंबर तक का वक्त दिया है। तब तक बागियों को मनाने की चुनौती का सामना सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को करना पड़ सकता है।
विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान मुंबई सहित महाराष्ट्र की कई सीटों पर बगावत देखने को मिली। ऐसा राज्य के दोनों प्रमुख सियासी गठबंधनों, महायुति और महाविकास आघाड़ी (मविआ) में देखने को मिला है। महाराष्ट्र में किस गठबंधन में और किन सीटों पर किसने किसके खिलाफ बगावत की, इसकी डिटेल जानकारी इस प्रकार है।
शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय भोसले के खिलाफ बीजेपी के संजय उपाध्याय को टिकट दिया है लेकिन बीजेपी के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने इसका विरोध करते हुए निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान शेट्टी की उत्तर मुंबई सीट से टिकट काट कर केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दी गई थी।
लेकिन, जब विधानसभा में भी शेट्टी को बोरीवली से टिकट नहीं मिला तो उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने उपाध्याय के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि बोरीवली कोई धर्मशाला नहीं है, जहां हर बार बाहरी उम्मीदवार को मौका नहीं दिया जा सकता है। शेट्टी के बगावत से यहां मुकाबला रोचक हो गया है।
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शिवसेना (उद्धव गुट) ने ऋतुजा लटके के खिलाफ शिवसेना (शिंदे गुट) ने मुरजी पटेल को उम्मीदवार बनाया है। शिंदे गुट पहले स्वीकृति शर्मा को इस सीट पर उम्मीदवार बनाना चाहता था लेकिन बीजेपी के दबाव में शिंदे गुट ने मुरजी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
मुरजी पटेल पहले बीजेपी में थे। इसका विरोध करते हुए सेवा निवृत्त एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यहां से नामांकन दाखिल कर दिया है।
यहां महाविकास आघाड़ी ने समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आजमी को समर्थन दिया है। इसके खिलाफ महायुति में शामिल अजीत पवार की राकां ने अपने विधायक नवाब मलिक को उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं शिवसेना (शिंदे गुट ने) यहां से सुरेश कृष्णराव पाटिल उर्फ बुलेट पाटिल को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
बांद्रा-पूर्व विधानसभा क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का गृह क्षेत्र है तो वहीं कांग्रेस की मुंबई प्रदेश अध्यक्ष व सांसद वर्षा गायकवाड यहां से सांसद हैं। उद्धव की शिवसेना ने यहां से वरुण सरदेसाई को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं राकां अजीत पवार ने जीशान सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है।
लेकिन, यहां की पूर्व विधायक एवं बीजेपी नेता तृप्ति सावंत इस निर्णय का विरोध करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के टिकट पर मैदान में उतर गई हैं। इसी तरह शिवसेना शिंदे गुट के विभाग प्रमुख कुणाल (बंटी) सरमलकर ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना पर्चा दाखिल कर दिया है।
अणुशक्ति नगर में राकां अजीत पवार ने नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन मानखुर्द शिवाजी नगर की तर्ज पर सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने यहां भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। शिवसेना शिंदे गुट ने अणुशक्ति नगर से अविनाश राणे को उम्मीदवार बनाया है।
मुंबई की माहिम सीट से शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार सदा सरवणकर चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटे और उन्होंने भी मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस सीट से मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के पुत्र अमित ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसे में अमित की जीत को आसान करने के लिए बीजेपी ने सीएम शिंदे के साथ मिल कर सरवणकर पर चुनाव नहीं लड़ने का भारी दबाव बनाया था। लेकिन वे नहीं माने।
बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाइना एनसी अपनी पार्टी छोड़ शिंदे गुट में शामिल हो गई हैं। उन्हें पार्टी ने मुम्बादेवी से प्रत्याशी बनाया गया है। इस सीट से बीजेपी के अतुल शाह बगावत के मूड में थे। लेकिन अंतिम समय में उन्हें मना लिया गया। शाइना वर्ली सीट से आदित्य ठाकरे के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन उनकी जगह शिंदे गुट ने मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतारा है।