नवभारत से बातचीत करते बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर
नवभारत डेस्क: बीजेपी ने विधायक राहुल नार्वेकर को कोलाबा विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है। 2016 में नार्वेकर राज्यपाल नियुक्त विधायक के तौर पर पहली बार विधान परिषद सदस्य बने थे। 2019 में बीजेपी ने कोलाबा विधानसभा क्षेत्र के अपने तत्कालीन विधायक राज पुरोहित का टिकट काट कर नार्वेकर को उम्मीदवार बनाया था। नार्वेकर चुनाव जीत गए थे।
राहुल नार्वेकर को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना की डबल इंजन सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष बनाया। महज 44 साल की उम्र में दूसरे सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष बने नार्वेकर ने शिवसेना और एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह मामले में चुनाव आयोग के निर्णय का समर्थन करने का साहसिक फैसला किया और पूरे देश में सुर्खियों में आ गए।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से नवभारत संवाददाता जितेंद्र मल्लाह ने मौजूदा चुनावी माहोल पर बुधवार को मलबार हिल स्थित उनके सरकारी निवास शिवगिरी पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने सवालों का बड़ी ही बेबाकी से जवाब दिया।
आगे पढ़िए नवभारत के सवाल और राहुल नार्वेकर के जवाब
सवाल- कोलाबा विधानसभा क्षेत्र मिश्रित आबादी वाला चुनाव क्षेत्र है, जहां ऊंची अट्टालिकाओं में रहने वाले अमीर उद्योगपति, धनाढ्य लोग रहते हैं तो वहीं घनी झोपड़पट्टियों में रहनेवाले गरीब, मेहनतकश मजदूर भी रहते हैं। जिनकी समस्याएं अलग-अलग हैं?
जवाब- हां यह, बिल्कुल सही है। यह एक जटिल निर्वाचन क्षेत्र है। यहां देश के प्रमुख अमीर लोग भी रहते हैं और बेहद गरीब लोग भी रहते हैं। इनमें अलग-अलग जाति धर्म और प्रांतों के लोग रहते हैं। इन सभी की समस्याएं भी अलग-अलग हैं। इनके बीच तालमेल बिठाकर काम करना नाकों चने चबाने जैसा ही है। लेकिन मैं पिछले करीब 10-12 वर्षों से मेहनत कर रहा हूं।
बिना किसी भेदभाव के सभी को विश्वास में लेकर और सामंजस्य बनाकर काम करने का प्रयास करता हूं। मैं सभी से जुड़ा हुआ हूं। मैंने सभी के लिए काम किया है। इसकी जानकारी यहां के सभी लोगों को है। इसलिए मुझे बिलकुल भी परेशानी नहीं होगी।
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जवाब- विरोधी उम्मीदवार कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। वे यहां के स्थानीय निवासी नहीं है। यहां उनका मकान, कार्यालय, यहां तक कि उनके कार्यकर्ता तथा चुनाव प्रचार कार्यालय भी नहीं है। ऐसे में लोग यही पूछ रहे हैं कि यहां कोई दूसरा उम्मीदवार है भी कि नहीं?
जवाब- लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने अर्थात अभिव्यक्ति की आजादी है। लेकिन इस आजादी का उचित इस्तेमाल करना जरूरी होता है। अपना मत प्रदर्शित करना उचित है, लेकिन झूठी अफवाह फैलाकर लोगों में भ्रम निर्माण करना, लोकतंत्र के लिए घातक है। लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस बार विरोधियों का फेक नैरेटिव नहीं चलेगा। लोग अब समझदार हो गए हैं। उन्हें असली नकली की परख हो गई है।
जवाब- मेरे पिता करीब 27 साल नगरसेवक रहे। कोलाबा के हर वार्ड से वे निर्वाचित हुए थे। वे निर्दलीय भी चुनाव जीते थे। इस तरह से घर का माहौल पहले से ही राजनीति से जुड़ा रहा। बाद में लोगों के लिए कुछ करना, समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव की चाह मुझे भी राजनीति में खींच लाई।
जवाब- इस निर्वाचन क्षेत्र में पानी की समस्या सबसे गंभीर समस्या थी। झोपड़पट्टियों में बिल्कुल भी पानी नहीं आता था। मैंने 8 हजार घरों में पानी की आपूर्ति का प्रबंध करवाया। यहां की ज्यादातर इमारतें कलेक्टर की लीज लैंड पर बनी हैं। इन्हें लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने के लिए सरकार ने कन्वर्जन का प्रीमियम 25 फीसदी तय किया था। मैंने कड़े प्रयासों से उसे 5 फीसदी करवाया है और अभी भी मेरा प्रयास इसे 2 फीसदी कराने का है।
यहां ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या बहुत ही जटिल है। यहां की स्थाई जनसंख्या करीब 13 लाख है, लेकिन फ्लोटिंग पॉपुलेशन अर्थात प्रतिदिन की अस्थाई जनसंख्या करीब 48 लाख है। इसलिए यहां मूलभूत सुविधाओं मसलन, शौचालय, सड़क, फुटपाथ आदि पर जबरदस्त दबाव है। महाराष्ट्र के लगभग सभी बड़े मुख्यालय जैसे कि मंत्रालय, विधान भवन, पुलिस मुख्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी, हाई कोर्ट, कॉटन एक्सचेंज, बुलियन मार्केट, ये सब इसी निर्वाचन क्षेत्र में स्थित है। इसलिए इस निर्वाचन क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। नेशनल कैपिटल रीजन घोषित दिल्ली की तर्ज पर मैंने सरकार से कोलाबा विधानसभा क्षेत्र को स्टेट कैपिटल रीजन घोषित करने की मांग की है। ताकि इस निर्वाचन क्षेत्र को अधिक निधी और सहूलियत मिल सके।
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सवाल- शिवसेना, राकां मामले में आपने जो निर्णय लिए थे। उसकी वजह से विरोधियों ने आपको खलनायक साबित करने की कोशिश की थी। आपसे मराठी वोटर नाराज हैं, ऐसा प्रचारित किया गया था। आज चुनाव प्रचार के दौरान आपको ऐसा कुछ लग रहा है?
जवाब- मेरे द्वारा लिए गए सभी निर्णय शाश्वत और कानून सम्मत और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए न्याय के अनुरूप हैं। मेरे फैसले में आलोचना करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी तरह की गलती नहीं बता सका है। मुझे नहीं लगता कि मेरे फैसले में सुप्रीम कोर्ट भी कुछ बदलाव करेगा। इसलिए मेरे निर्णय की सराहना की जाएगी ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है। मुझे लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
जवाब- जीतने के बाद सबसे पहले पांच नए अंडरग्राउंड रिजर्वायर का निर्माण कराउंगा। ताकि यहां की जनता की पानी की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाए। यहां की झोपड़पट्टियों में रहने वालों को न्याय देने के लिए एसआरए की लंबित योजना को पूरा कराने और न्याय दिलाने का काम करना है। हमारे यहां कोलीवाड़ों का सीमांकन करके, वहां की जमीन यहां के रहने वाले कोली समाज के लोगों के नाम करवाने, जर्जर इमारतों के पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास के लिए लगने वाले 400 करोड़ रुपए का इंतजाम कराना भी मेरी प्राथमिकता में शामिल होगा।
सवाल- ‘लाडली बहन’ योजना आपकी सरकार की मास्टर स्ट्रोक योजना मानी जा रही है। महाविकास आघाड़ी आपके जवाब में महालक्ष्मी योजना लेकर आई है। आप लोगों से ज्यादा पैसे देने का दावा कर रहे है?
जवाब- जब हमने यह योजना हमारी बहनों के स्वावलंबन के लिए लाई तो विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यह टिकाऊ योजना नहीं है। यह सफल नहीं होगी। सरकारी तिजोरी खाली हो जाएगी और आज वही विपक्ष हमारी योजना को आगे बढ़ाने की बात कर रहा है। इससे विपक्ष का दोहरा चरित्र उजागर हो जाता है।
सवाल- यूसीसी की बात बीजेपी हमेशा करती है। आपके विधायक अतुल भातखलकर ने इसे लागू करने की मांग विधानसभा में की थी लेकिन कुछ हुआ नहीं। क्या यह सिर्फ चुनावी मुद्दा है?
जवाब- इस देश में एक विधान, एक संविधान, एक निशान और एक प्रधान हो। यह सभी की इच्छा है। इसके अनुसार यूसीसी लागू होना जरूरी है।
सवाल- TISS की रिपोर्ट आई थी कि मुंबई में हिंदू घट रहे हैं। इसकी वजह बांग्लादेशी, रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ इसकी वजह है। केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है?
जवाब- केंद्र सरकार इस विषय को गंभीरता से ले रही है और स्थिति पर पूरा नियंत्रण है। राज्य सरकार भी निरंतर कॉम्बिंग ऑपरेशन आदि करती है। यदि ऐसे कोई अवैध घुसपैठिया मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करके उसे देश से निकाला जाएगा।
सवाल- बंटेंगे तो कटेंगे, एक हैं तो सेफ हैं?
जवाब- एकता और अखंडता आज की जरूरत ही है। वह चाहे समाज में हो या फिर देश में। इसलिए बीजेपी का नारा उचित ही है।
जवाब- कोलाबा वासियों से मैं यही कहना चाहूंगा कि लोकसभा चुनाव में सबसे कम मतदान हमारे विधानसभा क्षेत्र में हुआ। यह हम सभी के लिए शर्म की बात है। इस कलंक को मिटाने के लिए विधानसभा चुनाव में सभी लोग रिकॉर्ड तोड़ मतदान करें।