एनसीपी सुनवाई (डिजाइन फोटो)
महाराष्ट्र: जब से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दो विभागों में बटी है, उसके बाद से ही पार्टी के चुनाव चिह्न घड़ी को लेकर दोनों गुटों में विवाद छिड़ा हुआ है। पार्टी के चुनाव चिह्न के इस विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिह्न घड़ी को लेकर सुनवाई होगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अब दो गुटों में बट चुकी है, जिसमें एक गुट अजित पवार का है और दूसरा गुट शरद पवार का है। इन दोनों गुटों के बीच पार्टी के मुख्य चिह्न घड़ी को लेकर विवाद चल रहा है, इसके लिए शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
बता दें कि इस चुनाव चिह्न के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 24 अक्टूबर को सुनवाई की गई थी। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार को राहत दी थी। अदालत ने कहा था कि अजित पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए घड़ी चिह्न का उपयोग कर सकती है। लेकिन इसके इस्तेमाल के साथ उन्हें अपने चुनावी पोस्टर्स और बैनरों पर लिखना होगा कि यह विवाद का विषय है और कोर्ट में विचाराधीन है।
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बता दें कि इसे सख्त रूप से पालन करने के लिए कहा गया था। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने अजित पवार के वकील को अजित पवार गुट का नया हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था और साथ ही आदेशों का पालन करने के लिए कहा गया था। उन्हें चेतावनी दी गई थी कि यदि वे इसका उल्लंघन करते है को वह खुद अवमानना का केस शुरू करेंगे।
बात ये है कि शरद पवार गुट ने अपनी याचिका में कहा है कि अजित पवार गुट कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रहे है। इसलिए उन्हें घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल न करने दिया जाए और अजित गुट को नए चुनाव चिह्न के लिए आवेदन करने के लिए कहा जाए।
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शरद पवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा था कि कोर्ट के आदेशों का पालन न करके वे शर्मनाक हालात न बनाए। जस्टिस सूर्यकांत ने अजित पवार के वकील बलवीर सिंह से कहा था कि कोर्ट ने जब एक बार निर्देश दे दिया है तो उसका पालन करना होगा। आपको जवाब दाखिल करना होगा और हलफनामा देना होगा। इससे पहले आपने आदेशों का उल्लंघन नहीं किया है और आगे भविष्य में भी नहीं करेंगे ऐसी हम उम्मीद करते है।