(डिजाइन फोटो)
बुलढाणा: महाराष्ट्र में चुनाव है। राजनेताओं के माथे पर शिकन और तनाव है। सियासी दल भी एक दूसरे को शिकस्त देने के लिए रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं। किसी-किसी ने तो तैयारियां भी पूरी कर ली हैं और इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कब चुनाओं का औपचारिक ऐलान हो और वह विरोधी दल के सामने ताल ठोंक दें। महाराष्ट्र की फिजाओं में सियासी अटकलों और कयासबाजियों के बवंडर दिखाई दे रहे हैं। आप इन बवंडरों में न फंसे, आपको हर सीट के बारे में सटीक जानकारी हो इसलिए हम भी आप तक हर सीट का विश्लेषण लेकर पहुंच रहे हैं।
विश्लेषण की कड़ी में आज हम जानेंगे बुलढाणा की मेहकर विधानसभा सीट के बारे में। यह शहर पैनगंगा के तट पर बसा है। पैनगंगा का उद्गम सतमाला अगिन्था डोंगर से होता है। मेहकर के विश्व आभूषण मेहकर की तीन चीजें विश्व स्तरीय आभूषण हैं, पहली, यहां की बालाजी की मूर्ति। दूसरा, विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें नृसिंह का छठा नृसिंह एवं मंदिर यहीं स्थित है। और तीसरे नंबर पर आता है संतश्री बालाभाऊ महाराज पितले, जिनका शिष्यत्व संपूर्ण भारत एवं भारत के बाहर फैला हुआ है तथा जिनका चरित्र दिव्य एवं शिक्षाप्रद है।
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मेहकर विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र बुलढाणा जिले में स्थित है। यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। यह सीट बुलढाणा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यह सीट 1962 से अस्तित्व में हैं। यहां 1995 से शिवसेना का कब्जा है। यह सीट को शिवसेना का गढ़ माना जाता है। शिवसेना के अलावा इस सीट से एक बार निर्दलीय व 6 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।
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मेहकर विधानसभा सीट पर 2019 के विधानसभा के आंकड़ों के मुताबिक268718 वाेटर्स हैं। जिसमें से दलित मतदाताओं की संख्या लगभग 63,448 है जो कि 20.09 फीसदी होती है। आदिवासी वाेटर्स की संख्या 15,412 है। वहीं इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की बात करें तो उनकी संख्या 31,898 है जो कि लगभग 10.1 प्रतिशत है।
मेहकर विधानसभा सीट पर 1995 से शिवसेना कब्जा रहा है। लेकिन 2022 में शिवसेना में हुई टूट के बाद अब इस सीट को लेकर शिवसेना के दोनों गुटों में मुबकाबला देखने को मिल सकता हैं। टूट के बाद मौजूद विधायक संजय रायमुलकर शिंदे गुट में आ गए। क्या इस बार भी वे अपना वर्चस्व कायम रखने में कामयाब हो जाएंगे? यह देखना चिलचस्प होगा।